Israel के साथ भारत ने निभाई पक्की यारी, 57 मुस्लिम देशों की पहवाह किए बिना कर दिया ये काम
भारत की मोदी सरकार ने इस वक्त इजरायल को समर्थन देकर ये साबित कर दिया कि वो अपनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। अमेरिका वैसे इजरायल का हमेशा से सहयोगी रहा है। लेकिन भारत का समर्थन इस समय और भी खास है।
जब दुनिया के कई बड़े बड़े देश इजरायल का साथ छोड़ रहे हैं तब भारत ऐसा देश है जो आज की तारीख में पूरी मजबूती के साथ उसके साथ खड़ा है। वर्तमान समय में इजरायल एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। गाजा में हो रहे संघर्षों के चलते कई बड़े देशों ने इजरायल से दूरी बना ली। ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और कई यूरोपीय देशों ने इजरायल को हथियारों की सप्लाई तक रोक दी। यहां तक की चीन और रूस ने इजरायल के खिलाफ अपना रुख कायम रखा। ऐसे समय में जब हर कोई इजरायल से दूरी बना रहा तब भारत ने दिखा दिया कि वो अपने दोस्त के साथ हमेशा खड़ा था है और रहेगा। भारत की मोदी सरकार ने इस वक्त इजरायल को समर्थन देकर ये साबित कर दिया कि वो अपनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, चाहे कोई भी परिस्थिति हो। अमेरिका वैसे इजरायल का हमेशा से सहयोगी रहा है। लेकिन भारत का समर्थन इस समय और भी खास है।
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भारत लगातार इजरायल को हथियारों, विस्फोटकों और अन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा, जो इस संघर्ष के दौरान बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। भारत ने हाल के हफ्तों में डिप्लोमेट्स के दवाब को नजरअंदाज कर इजरायल को मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में ब्रिटेन ने इजरायल को दिए जा रहे 30 हथियारों के लाइसेंस को रद्द कर दिया। ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश इजराइल को कुछ हथियार निर्यात लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया। उन्हें डर है कि उनका इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता है जिससे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हो सकता है। लैमी ने कहा कि इज़राइल को हथियार निर्यात करने के लिए लगभग 350 यूके लाइसेंसों में से 30 को निलंबित कर दिया जाएगा। लैमी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। यह कोई हथियार प्रतिबंध नहीं है।
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फ्रांस ने भी अपनी वार्षिक रक्षा प्रदर्शनी से इजरायल की 74 डिफेंस कंपनियों को बैन कर दिया था। फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि पेरिस शो में इजरायली कंपनियों की मेजबानी के लिए स्थितियां अब सही नहीं है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने राफा में आईडीएफ ऑपरेशन को बंद करने का आह्वान किया था। फ्रांस की तरफ से ये घोषणा गाजा के दक्षिणी शहर राफा में हमास के दो बड़े आतंकवादियों को निशाना बनाकर किए गए इजरायली स्ट्राइक के बाद लिया गया था। इन देशों के कड़े कदमों का मकसद इजरायल के खिलाफ दबाव बनाना था। लेकिन एक और जहां दुनिया के बड़े बड़े देश इजरायल का साथ छोड़ रहे हैं। वहीं भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वो इजरायल की मदद से पीछे नहीं हटेगा। भारत लगातार इजरायल को छोटे हथियार और विस्फोटकों की आपूर्ति कर रहा है। फिलहाल दुनिया में दो देश हैं जो इजरायल की खुलकर मदद कर रहा है एक अमेरिका और दूसरा भारत।
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भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मन ने दावा किया है कि भारत 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल के समर्थन के एहसान का बदला चुकाने के एक तरीके के रूप में गाजा के साथ युद्ध में इजरायल को हथियारों की आपूर्ति की बात कही थी। इज़राइल के वाईनेट न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में डैनियल कार्मन ने कहा कि इज़राइल उन कुछ देशों में से एक था जिसने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारत को हथियार उपलब्ध कराए थे।
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