US On India Canada Tension: भारत और कनाडा के बीच के विवाद में किसके साथ अमेरिका-ब्रिटेन, बयान जारी कर कह दी बड़ी बात
अमेरिका ने भारत को नसीहत दी है कि वो जल्द से जल्द जांच में भारत की मदद करे क्योंकि भारत ने अभी तक जांच में सहयोग नहीं किया है। यानी अमेरिका सीधे सीधे कनाडा की तरफ जाकर खड़ा हो गया है। वैसे अमेरिका खुद भी बेबुनियाद आरोप लगा चुका है कि भारतीय एजेंट्स उसकी जमीन पर खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नून को मरवाना चाहते हैं।
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारत और कनाडा के बीच जंग बढ़ती जा रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों के प्यार में इतना पागल हो गए हैं कि उन्होंने पूरे देश की इज्जत दांव पर लगा दी है। जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को सुनकर भारत भी अब आर पार के मूड में आ गया है। भारत के सामने अब कनाडा की हैसियत पाकिस्तान सरीखी बनती जा रही है। सूत्रों की माने तो अगले कुछ दिनों में भारत कनाडा के साथ बहुत बड़ा खेल करने वाला है। लेकिन इन सब के बीच भारत और कनाडा की जंग में अब अमेरिका का बयान सामने आया है। अमेरिका ने बता दिया है कि वो इस जंग में किसके साथ खड़ा है। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन ने भी ये बता दिया है कि वो किसकी तरफ है। अमेरिका ने कहा है कि कनाडा के आरोप बेहद गंभीर हैं। भारत को उसकी जांच में सहयोग करना पड़ेगा।
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अमेरिका ने भारत को नसीहत दी है कि वो जल्द से जल्द जांच में भारत की मदद करे क्योंकि भारत ने अभी तक जांच में सहयोग नहीं किया है। यानी अमेरिका सीधे सीधे कनाडा की तरफ जाकर खड़ा हो गया है। वैसे अमेरिका खुद भी बेबुनियाद आरोप लगा चुका है कि भारतीय एजेंट्स उसकी जमीन पर खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नून को मरवाना चाहते हैं। अमेरिका की तरह ब्रिटेन ने भी साफ कर दिया है कि वो कनाडा के साथ है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से फोन पर बात की है। भारत से मुंह की खाने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को फोन लगा डाला। कनाडा के पीएम ऑफिस के हवाले से कहा गया कि ट्रूडो ने ब्रिटेन पीएम से बात की और भारत पर लगे अपने आरोपों को दोहराया। ब्रिटेन के सामने ट्रूडो के गुहार लगाने से साफ पता चलता है कि उन्हें खुद भी अपने सबूतों पर यकीन नहीं है।
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भारत सरकार से जुड़ी कनाडाई जांच को लेकर कनाडा के साझेदारों के संपर्क में है और उसने ओटावा की न्यायिक प्रणाली पर विश्वास जताया। यह बयान तब आया है जब इससे पहले भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा में अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुला लिया।
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