अफगानिस्तान में सूखे और सर्दी के आगमन के चलते मानवीय स्थिति बदतर होगी: यूनिसेफ

Humanitarian situation

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों से संबंधित एजेंसी यूनिसेफ ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में भीषण सूखे, सर्दी के आगमन और कोरोना वायरस महामारी के चलते मानवीय स्थिति बदतर हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों से संबंधित एजेंसी यूनिसेफ ने आशंका जतायी है कि अफगानिस्तान में भीषण सूखे, सर्दी के आगमन और कोरोना वायरस महामारी के चलते मानवीय स्थिति बदतर हो सकती है। यूनिसेफ ने कहा कि अफगानिस्तान में पहले ही एक करोड़ बच्चे मानवीय सहायता पर निर्भर हैं और इस साल लगभग 10 लाख बच्चों के जानलेवा कुपोषण से ग्रस्त होने की आशंका है। लगभग 42 लाख बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं, जिनमें 22 लाख लड़कियां हैं।

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अफगानिस्तान एक गरीब देश है, जो अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है। वहां इस महीने की शुरुआत में तालिबान के नियंत्रण से पहले भी यही स्थिति थी। यूनिसेफ की निदेशक हेनरिटा फोर ने सोमवार को एक बयान में कहा कि यह एक चिंताजनक वास्तविकता है,जिसका अफगान बच्चे सामना कर रहे हैं और मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम व सरकार में बदलाव से परे, यह वास्तविकता ऐसी ही रहेगी।

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उन्होंने कहा कि एजेंसी अफगानिस्तान में अपनी मौजूदगी को लेकर प्रतिबद्ध है और अपने अभियानों को बढ़ा रही है। यूनिसेफ उन इलाकों में मदद पहुंचाने की उम्मीद करता है, जहां मौजूदा युद्ध के कारण पहुंचना मुश्किल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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