Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine War को कैसे बंद करवाएंगे Donald Trump?

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ट्रंप के आने के बाद रूस ने अपना सैन्य अभियान और आक्रामक कर दिया है क्योंकि पुतिन चाहते हैं कि 20 जनवरी को जब ट्रंप अमेरिका की कमान संभालेंगे तब तक यूक्रेन का ज्यादा से ज्यादा भाग उनके पास आ जाये।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरियाई सैनिकों को अपनी ओर से लड़ने के लिए ले तो आये मगर प्रशिक्षण की कमी के चलते उत्तर कोरियाई जवान यूक्रेनी सेना के सामने टिक नहीं पा रहे हैं। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके अलावा जिस तरह डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बंद करवाने की बात कही है उसके चलते लोगों के मन में सवाल यह है कि आखिर वह कैसे व्लादिमीर पुतिन और वोलोदमीर जेलेंस्की को वार्ता की टेबल पर लाएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रचार के दौरान ही कहते रहे हैं कि समझौता रूस की शर्तों पर होगा और जितना भी भाग अब तक रूस ने कब्जाया है वह यूक्रेन को छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप के आने के बाद रूस ने अपना सैन्य अभियान और आक्रामक कर दिया है क्योंकि पुतिन चाहते हैं कि 20 जनवरी को जब ट्रंप अमेरिका की कमान संभालेंगे तब तक यूक्रेन का ज्यादा से ज्यादा भाग उनके पास आ जाये। उन्होंने कहा कि पुतिन की रणनीति है कि यदि रूस को थोड़ा पीछे हटने पर भी समझौता करना पड़े तो वह उस क्षेत्र से हटे जिन्हें वह अब कब्जायेगा। उन्होंने कहा कि रूस अब तक यूक्रेन के 22 प्रतिशत भाग पर कब्जा कर चुका है और यदि जनवरी तक वह 25 प्रतिशत से ज्यादा भाग कब्जा लेता है तो यूक्रेन को बड़ा नुकसान होने जा रहा है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के मामले में ट्रंप कीव और मॉस्को को कम से कम मौजूदा मोर्चे पर युद्ध विराम के लिए मजबूर करने की कोशिश कर सकते हैं। इसमें संभवतः एक स्थायी समझौता शामिल हो सकता है जिसमें रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों के लिए एक व्यवस्था होगी और इसमें 2014 में क्रीमिया का विलय और फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से कब्जा किए गए क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह भी संभावना है कि ट्रंप भविष्य में यूक्रेन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य बनने से रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मांगों को स्वीकार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि नाटो के प्रति ट्रंप के नकारात्मक रवैये के मद्देनजर यह कीव के यूरोपीय सहयोगियों पर भी एक महत्वपूर्ण दबाव होगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप एक बार फिर यूरोपीय देशों को यूक्रेन के मुद्दे पर पुतिन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए गठबंधन छोड़ने की धमकी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध ट्रंप के एजेंडे में शीर्ष स्थान पर है इसलिए दुनिया को उम्मीद है कि अब यह युद्ध खत्म होने की कगार पर पहुँच गया है।

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