Prabhasakshi NewsRoom: परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में पहली बार Pakistan से आगे निकला India

Modi Shehbaz
ANI

हम आपको बता दें कि सिपरी की ओर से प्रस्तुत यह आकलन देशों की ओर से उपयोग की जा रहीं यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं और प्लूटोनियम उत्पादन संयंत्रों की उपग्रह तस्वीरों पर आधारित हैं। हालांकि इन अनुमानों की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते हैं।

भारत और पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु परीक्षण किया था। उसके बाद से दोनों देशों के परमाणु शस्त्रागार पर कई अध्ययन केंद्र नजर बनाये रखते हैं। इन अध्ययन केंद्रों की रिपोर्टों में पाकिस्तान को हमेशा परमाणु हथियारों के मामले में भारत से आगे बताया जाता रहा है लेकिन यह पहली बार हुआ है कि भारत परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में अपने पड़ोसी पाकिस्तान से आगे निकल गया है। हम आपको बता दें कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने कहा है कि भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में दो परमाणु हथियार ज्यादा हैं। अब तक पाकिस्तान पांच या दस परमाणु हथियार ज्यादा रखते हुए भारत पर बढ़त बनाये रखता था लेकिन अब वह पिछड़ गया है। 2023 के नवीनतम आकलन में कहा गया है कि भारत अब थोड़ा आगे है।

हम आपको बता दें कि सिपरी की ओर से प्रस्तुत यह आकलन देशों की ओर से उपयोग की जा रहीं यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं और प्लूटोनियम उत्पादन संयंत्रों की उपग्रह तस्वीरों पर आधारित हैं। हालांकि इन अनुमानों की सटीकता पर हमेशा सवाल उठते हैं क्योंकि अध्ययन केंद्रों की कार्यप्रणाली और उनके डाटा का पुष्ट स्रोत उपलब्ध नहीं है। हम आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने परमाणु कार्यक्रमों के संबंध में उच्च स्तर की गोपनीयता बनाए रखते हैं। इसके अलावा पश्चिमी देश भी परमाणु हथियारों को लेकर पेश किये जाने वाले आकलनों पर शायद ही कभी टिप्पणी करते हैं या उसे मान्यता देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय न तो भारत और न ही पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार तैनात हैं। हालाँकि, भारत कथित तौर पर एक ऐसी रणनीति की ओर बढ़ रहा है जहाँ कुछ परमाणु हथियार शांतिकाल के दौरान लॉन्चरों के साथ पहले से जोड़ कर रखे जाएंगे।

पाकिस्तान के पास कितने परमाणु बम हैं?

रिपोर्ट में जताये गये अनुमान के अनुसार, जनवरी 2024 तक पाकिस्तान ने अपने परमाणु शस्त्रागार को लगभग 170 हथियार तक बनाए रखा, जो उसके पिछले वर्ष के अनुमान के अनुरूप था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के परमाणु बल के हवा में मार करने वाले हथियारों में परमाणु गुरुत्वाकर्षण बमों का एक छोटा भंडार और राड (हत्फ-8) जैसी क्रूज मिसाइलें शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के भूमि-आधारित परमाणु शस्त्रागार में अनुमानित 126 छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइल प्रणालियाँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान संभवतः भारत की उन्नत मिसाइल रक्षा के जवाब में अबाबील मिसाइल के साथ एमआईआरवी तकनीक की खोज कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी समुद्र-आधारित परमाणु क्षमताओं के लिए बाबर-3 पनडुब्बी-लॉन्च क्रूज़ मिसाइल (एसएलसीएम) विकसित कर रहा है, जिसका उद्देश्य उसकी अगोस्टा-90बी पनडुब्बियों की क्षमता बढ़ाना है। सैन्य विश्लेषकों का दावा है कि पाकिस्तान के पास अभी तक परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए पनडुब्बी नहीं है और वह निश्चित रूप से इस मामले में भारत से पीछे है। हम आपको यह भी बता दें कि इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स (आईसीएएन) की एक अलग रिपोर्ट में 2016 की संसदीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि पाकिस्तान अपने कुल सैन्य खर्च का लगभग 10 प्रतिशत अपने परमाणु शस्त्रागार पर खर्च करता है। अनुमान है कि पाकिस्तान ने 2023 में अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगभग 1 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो प्रति मिनट 1,924 डॉलर के खर्च के बराबर है।

भारत के पास कितने परमाणु हथियार हैं?

जहां तक भारत का सवाल है तो रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2024 तक भारतीय परमाणु शस्त्रागार में लगभग 172 परमाणु हथियार शामिल हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में मामूली वृद्धि है। ये हथियार भारत के विकासशील परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसमें विमान, भूमि-आधारित मिसाइलें और परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (एसएसबीएन) शामिल हैं। परंपरागत रूप से भारत शांतिकाल के दौरान परमाणु हथियार और लॉन्चर को अलग-अलग रखता है, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार कुछ परमाणु हथियारों को लॉन्चर के साथ जोड़ने की दिशा में सोच रही है। दरअसल, भारत की परमाणु रणनीति का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और चीन को रोकना है। भारत की कम दूरी के परमाणु हथियारों का उद्देश्य पाकिस्तान को निशाने पर रखना था लेकिन लंबी दूरी की मिसाइलों के विकास का उद्देश्य चीन को रोकना है।

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रिपोर्ट के अनुसार, भारत की हवाई परमाणु क्षमता में मिराज 2000H, जगुआर आईएस और राफेल जैसे विमान शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के भूमि आधारित मिसाइल शस्त्रागार में कई प्रकार की बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं, जिनमें अग्नि-पी जैसे नए मॉडल की तैनाती करीब ही है। इसके अलावा, भारत जल्द ही आगामी अग्नि-VI और सूर्य मिसाइलों के साथ दुनिया के किसी भी देश को निशाना बनाने में सक्षम होगा। कुल मिलाकर, भारत अपने परमाणु बलों की तैयारी बढ़ा रहा है जिसका उद्देश्य किसी प्रतिद्वंद्वी के परमाणु शस्त्रागार को पहले से ही लक्षित करना है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत ने 2023 में परमाणु कार्यक्रम पर 2.7 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो प्रति मिनट 5,057 डॉलर के खर्च के बराबर है।

परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का क्या हाल है?

रिपोर्ट यह भी कहती है कि अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन समेत नौ परमाणु संपन्न देशों ने अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी रखा है और उनमें से कई ने 2023 में नयी परमाणु सक्षम हथियार प्रणालियां तैनात की हैं। स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपने विश्लेषण में कहा कि चीन का परमाणु हथियार जनवरी 2023 में 410 से बढ़कर जनवरी 2024 में 500 हो गया और इसके बढ़ते रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया कि बैलिस्टिक मिसाइलों पर तैनात की गई लगभग 2,100 युद्धक प्रणालियों को उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया था और उनमें से लगभग सभी रूस या अमेरिका के थे। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि पहली बार चीन के कुछ युद्धक उपकरण उच्च परिचालन अलर्ट पर हैं। सिपरी ने कहा कि नौ परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी रखेंगे तथा उनमें से कई राष्ट्रों ने 2023 में नए परमाणु हथियारों से लैस प्रणालियां तैनात की हैं। हम आपको बता दें कि जनवरी 2024 में अनुमानित 12,121 युद्धक उपकरणों के कुल वैश्विक भंडार में से लगभग 9,585 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार में थे। अनुमान है कि उनमें से 3,904 युद्धक उपकरण मिसाइल और विमानों के साथ तैनात किए गए थे और बाकी आयुध भंडार में थे। जनवरी 2023 की तुलना में यह संख्या 60 अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तैनात किए गए लगभग 2,100 हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया था। इनमें से लगभग सभी हथियार रूस या अमेरिका के थे, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि पहली बार चीन के कुछ हथियार उच्च परिचालन अलर्ट पर हैं।’’ थिंक-टैंक के अनुसार भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया सभी बैलिस्टिक मिसाइलों पर कई युद्धक उपकरण तैनात करने की क्षमता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जो रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और हाल ही में चीन के पास पहले से ही है। सिपरी ने कहा कि रूस और अमेरिका के पास कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है। थिंक-टैंक के अनुसार, ऐसा लगता है कि 2023 में उनके संबंधित सैन्य भंडार का आकार अपेक्षाकृत स्थिर रहा है, हालांकि अनुमान है कि रूस ने जनवरी 2023 की तुलना में परिचालन बलों के साथ लगभग 36 और युद्धक उपकरण तैनात किए हैं। सिपरी ने कहा कि फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु बलों के संबंध में पारदर्शिता में कमी आई है।

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