India-China के रक्षा मंत्री एक साथ कदमताल करते आए नजर, इस वीडियो की खूब चर्चा हो रही
ये दोनों नेताओं की मुलाकात द्विपक्षीय वार्ता के लिए हुई। सबसे बड़ी बात ये है कि इस मुलाकात से ठीक पहले भारत चीन के विदेश मंत्रियों के बीच भी बैठक हो चुकी है। यानी की सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात नहीं हुई। उसके बाद बातचीत का एक नया रास्ता ही खुल गया है। तभी लाओस में पहुंचे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी समकक्ष डोंग जून से बातचीत हुई है। इस मुलाकात के बारे में रक्षा मंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है कि इस बार एमडीएमएम प्लन 1 के वर्तामान अध्यक्ष के रूप में लाओस इस बैठक की मेजबानी कर रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लाओ पीडीआर के वियनतियाने में 11वीं ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम प्लस) में चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ चलते हुए। अन्य देशों के रक्षा प्रमुख भी मौजूद हैं। भारत और चीन के राष्ट्र प्रमुखों के बीच मुलाकात हुई तो भारत और चीन के बीच बातचीत का एक नया रास्ता ही खुल गया। भारत के रक्षा मंत्री औऱ चीनी समकक्ष डोंग जून एक साथ कदमताल करते नजर आए। दरअसल ये दोनों नेताओं की मुलाकात द्विपक्षीय वार्ता के लिए हुई। सबसे बड़ी बात ये है कि इस मुलाकात से ठीक पहले भारत चीन के विदेश मंत्रियों के बीच भी बैठक हो चुकी है। यानी की सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात नहीं हुई। उसके बाद बातचीत का एक नया रास्ता ही खुल गया है। तभी लाओस में पहुंचे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीनी समकक्ष डोंग जून से बातचीत हुई है। इस मुलाकात के बारे में रक्षा मंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है कि इस बार एमडीएमएम प्लन 1 के वर्तामान अध्यक्ष के रूप में लाओस इस बैठक की मेजबानी कर रहा है।
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भारत और चीन ने बुधवार को पारस्परिक विश्वास एवं समझ की बहाली के लिए एक रोडमैप की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष दोंग जून के साथ वार्ता के दौरान 2020 के दुर्भाग्यपूर्ण सीमा संघर्षों से सबक लेने का आह्वान किया। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात लाओस की राजधानी विएंतियाने में हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ सप्ताह पहले ही भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में दो अंतिम टकराव स्थलों से सैनिकों की वापसी पूरी की है।
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रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष पारस्परिक विश्वास और समझ की बहाली के लिए एक रोडमैप की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमत हुए। इसने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा, यह देखते हुए कि दोनों देश पड़ोसी हैं और बने रहेंगे, उन्होंने कहा कि हमें संघर्ष के बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। बयान में कहा गया कि सिंह ने 2020 में सीमा पर हुईं दुर्भाग्यपूर्ण झड़पों से सीख लेने, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाने और भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने का आह्वान किया।
#WATCH रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लाओ पीडीआर के वियनतियाने में 11वीं ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम प्लस) में चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ चलते हुए। अन्य देशों के रक्षा प्रमुख भी मौजूद हैं। pic.twitter.com/z5DrnSRWSj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 21, 2024
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