कोरोना वायरस ने ढीली की स्वास्थ्य व्यवस्था, 10 देशों में एक भी वेंटिलेटर नहीं

SOUTH SUDAN
निधि अविनाश । Apr 22 2020 4:19PM

विकासशील देशों में भी जहां स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से डगमगा गई है वहीं अफ्रीकी देशों का हाल बदतर होता जा रहा है। बता दे कि अफ्रीका के कुछ देशों में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है वहीं साउथ सूडान में 5 उपराष्ट्रपति पर सिर्फ 4 ही वेंटिलेटर उपलब्ध है।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। अब तक इस महमारी से एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं इसकी वजह से 25.5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित है। विकासशील देश जैसे इटली, अमेरिका भी कोरोना वायरस का शिकार हो चुका है। वहीं बात करे अफ्रीकी देशों की तो वहां कोरोना वायरस से हाल काफी बेहद खराब है। विकासशील देशों में भी जहां स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से डगमगा गई है वहीं अफ्रीकी देशों का हाल बदतर होता जा रहा है। बता दे कि अफ्रीका के कुछ देशों में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है वहीं साउथ सूडान में 5  उपराष्ट्रपति पर सिर्फ 4 ही वेंटिलेटर उपलब्ध है। सूडान में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। अगर यहां के हालात ऐसे ही रहे तो परेशानी और बढ़ सकती है। 

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50 लाख लोगों के बीच सिर्फ 3 वेंटिलेटर

1.2 करोड़ की आबादी वाले देश साउथ सूडान में कूल 24 आईसीयू है यानि करीब 30 लाख आबादी के लिए सिर्फ एक वेंटिलेटर। इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी (आईआरसी) के अनुसार 50 लाख मध्य अफ्रीकी गणराज्य आबादी वाले लोगों पर सिर्फ 3 ही वेंटिलेटर उपल्बध है। लाइबेरिया जहां कि आबादी 49 लाख है वहां भी सिर्फ 6 वेंटिलेटर की ही सुविधा है और इन्ही में से एक वेंटिलेटर का इस्तेमाल अमेरिकी दूतावास भी करता है।

इन देशों में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं

गैर सरकारी संगठन आईआरसी के मुताबिक कई देशों में तो एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। बुरकिना फासों में 11 और 10 अफ्रीकी देशों में एक भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। वहीं 41 अफ्रीकी देशों के पास सिर्फ 2000 ही वेंटिलेटर ही उपलब्ध है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि अगर यहां कोरोना वायरस तेजी से फैलना शूरू हुआ तो हालात काफी खतरनाक हो जाएंगे। बता दे कि खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह आगाह कर दिया है कि ढीली पड़ गई अफ्रीकी देशों की स्वास्थ्य़ सुविधा को देखते हुए यहां के हालात और खराब हो सकते है।

WHO के अनुसार अफ्रीकी महाद्वीप में सिर्फ 5000 ही आईसीयू उपलब्ध है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि 10 लाख की आबादी पर यहां सिर्फ 5 ही बैड उपलब्ध है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका जैसे मजबूत शहर में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 5 लाख वेंटिलेटर की और जरूरत है। अमेरिका में हर दिन कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे है। वहीं ब्रिटेन में अभी तक कोरोना वायरस के 1 लाख से ज्यादा मरीज है। बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए ब्रिटेन में 18 हजार वेंटिलेटर की मांग और बढ़ गई है।

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