चीन को वापस लेना पड़ा कश्मीर पर चर्चा का प्रस्ताव, भारत को मिला कई देशों का साथ
चीन ने कश्मीर के मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहस कराने का अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। चीन ने यह फैसला सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों के विरोध के बाद लिया।अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि यह द्विपक्षीय मामला है।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा से संबंधित अनुरोध चीन के वापस लेने की खबरों के बीच कम्युनिस्ट देश ने दावा किया है कि इस मुद्दे पर परिषद् में ‘चर्चा’ चल रही है। ऐसी सूचना है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू कश्मीर की स्थिति का हवाला देते हुए 12 दिसंबर को परिषद् को पत्र लिखा था जिसके बाद इस्लामी देश के सदाबहार मित्र चीन ने 15 सदस्यों वाले सुरक्षा परिषद् में जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी।
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मंगलवार दोपहर को सुरक्षा परिषद् के विमर्श कक्ष में अनौपचारिक बैठक के दौरान ‘‘अन्य मुद्दों’’ के अंतर्गत इस विषय पर भी चर्चा की संभावना थी। इस तरह की बैठक सार्वजनिक रूप से नहीं होती। बंद कमरे में गुप्त मंत्रणा होती है। बैठक में कही गई बातों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सदस्यों के बीच सलाह-मशविरे के लिए इस तरह की अनौपचारिक बैठकों का आयोजन किया जाता है।
हालांकि, यूएनएससी में चर्चा से पहले के घटनाक्रमों के चलते यह स्पष्ट हो गया कि पूर्वनियोजित योजना के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। एक यूरोपीय राजनयिक अधिकारी ने सुरक्षा परिषद् की अनौपचारिक बैठक से पहले कहा कि कश्मीर पर चर्चा नहीं होगी क्योंकि चीन ने अपना अनुरोध वापस ले लिया है। सुरक्षा परिषद् की अनौपचारिक बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग ने उत्तर कोरिया में स्थिति पर सुरक्षा परिषद् की राय के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी।
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एक पत्रकार ने जब उनसे पूछा कि कश्मीर पर चर्चा क्यों नहीं हो रही, इस पर चीनी राजदूत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं इस विषय पर कुछ और कहने की स्थिति में हूं। हम सभी जानते हैं कि सुरक्षा परिषद् को पाकिस्तान के विदेश मंत्री से एक पत्र मिला है जिसमें सुरक्षा परिषद् में इस विषय पर चर्चा का अनुरोध किया गया है और वहां इसपर चर्चा हो रही है। इस बारे में जब उनसे फिर से सवाल पूछा गया कि चीन ने परिषद् में चर्चा का अनुरोध किया था और फिर इसे वापस ले लिया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
एक अन्य राजनयिक सूत्र ने बताया कि चीन और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई है कि वे एजेंडा में कश्मीर मुद्दे को शामिल नहीं करेंगे। दिसंबर महीने के लिए सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता चीन और अमेरिका के पास है। फ्रांसीसी राजनयिक से जुड़े सूत्र ने इससे पहले बताया था कि मंगलवार को सुरक्षा परिषद् की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। सूत्र ने कहा कि हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि कश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय बातचीत होनी चाहिए। हमने हाल में संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर इसे कई बार स्पष्ट किया है।
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अगस्त में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद पाकिस्तान ने पोलैंड को पत्र लिखकर सुरक्षा परिषद् में चर्चा का अनुरोध किया था क्योंकि पोलैंड अगस्त के महीने में परिषद् का अध्यक्ष था, जिसके बाद चीन ने सुरक्षा परिषद् में अनौपचारिक बैठक की मांग की थी। हालांकि, 16 अगस्त को कश्मीर मुद्दे पर हुई सुरक्षा परिषद् की अनौपचारिक बैठक बगैर किसी नतीजे के खत्म हो गई या फिर इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली संगठन से कोई बयान भी नहीं आया।
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