बांग्लादेश की अदालत ने खालिदा जिया की जेल की सजा दोगुनी की

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[email protected] । Oct 30 2018 1:10PM

बांग्लादेश की बीमार चल रही पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को मंगलवार को एक और झटका लगा जब यहां की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें मिली पांच साल कैद की सजा मंगलवार को दोगुनी करते हुए दस साल कर दी।

ढाका। बांग्लादेश की बीमार चल रही पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को मंगलवार को एक और झटका लगा जब यहां की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें मिली पांच साल कैद की सजा मंगलवार को दोगुनी करते हुए दस साल कर दी। इससे आम चुनावों के मद्देनजर विपक्ष पर दबाव बढ़ गया है। इससे एक दिन पहले ही भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नेता जिया को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई।

द डेली स्टार की एक खबर के अनुसार, हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति इनायेतुर रहीम और न्यायमूर्ति मुस्तफिजुर रहमान की पीठ ने फैसले की घोषणा की। अदालत ने जिया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 73 वर्षीय जिया की जेल की सजा बढ़ाने की भ्रष्टाचार रोधी आयोग की पुनर्विचार याचिका को मंजूर करने के बाद फैसले की घोषणा की।  ढाका की एक अदालत ने आठ फरवरी को अनाथालय भ्रष्टाचार मामले में जिया को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। जिया तब से जेल में बंद हैं।

अदालत कक्ष में जिया और मामले के अन्य आरोपी की ओर से कोई वकील मौजूद नहीं था। पीठ ने मामले के अन्य दोषियों के बारे में कुछ नहीं कहा क्योंकि उन्होंने कोई अपील दायर नहीं की और वे फरार हैं। अटॉर्नी जनरल महबूबे आलम ने द डेली स्टार को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिया अगला संसदीय चुनाव नहीं लड़ सकतीं।

भ्रष्टाचार रोधी आयोग के वकील खुर्शीद आलम खान ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस फैसले का मतलब है कि खालिदा जिया आगामी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।’’पूर्व प्रधानमंत्री को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट के लाखों रुपये के गबन के लिए सोमवार को सजा सुनाई गई। जिया हिंसा और भ्रष्टाचार से जुड़े कई अलग-अलग आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने हाल ही में अदालत का रुख करते हुए अपने हाथ और एक पैर सुन्न होने की शिकायत की थी।

छह अक्टूबर को उन्हें बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल ले जाया गया जहां अभी उनका इलाज चल रहा है। दिसंबर में संसदीय चुनावों के मद्देनजर मंगलवार को आया फैसला अहम है। जिया की पार्टी ने 2014 में हुए चुनावों का बहिष्कार किया था।बीएनपी ने फैसले के विरोध में मंगलवार को देश भर में मार्च निकालने का आह्वान किया है। अदालत के ताजा आदेश ने जिया की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चुनाव लड़ने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

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