भारत में अच्छे दिन आए या नहीं इस चर्चा के बीच पड़ोसी देश में बुरे दिन आने वाले हैं, खुद वित्त मंत्री ने कबूली ये बात
हिन्दुस्तान में वाकई अच्छे दिन आए या नहीं ये एक लंबी बहस का विषय हो सकता है। लेकिन हां पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बुरे दिन जरूर आने वाले हैं। ये बात खुद मुल्क के हुक्मरान खुद कबूल कर रहे हैं।
अच्छे दिन आने वाले हैं, हम मोदी जी को लाने वाले हैं। लोकसभा चुनाव का एक चर्चित नारा। जिसको लेकर विपक्ष की ओर से लगातार मोदी सरकार पर निशाना भी साधा जाता है। वैसे देखा जाए तो अच्छे दिन के कोई तय पैमाने नहीं हैं। अच्छे दिन कोई ऐसी परिस्थिति तो है नहीं कि आप पैथोलॉजिकल लैब में जाकर जांच करा लें और पता लग जाए कि अच्छे दिन आए या नहीं। समाज के हर वर्ग नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए अच्छे दिन के मायने अलग-अलग हैं। हिन्दुस्तान में वाकई अच्छे दिन आए या नहीं ये एक लंबी बहस का विषय हो सकता है। लेकिन हां पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बुरे दिन जरूर आने वाले हैं। ये बात खुद मुल्क के हुक्मरान खुद कबूल कर रहे हैं।
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पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने आगाह किया है कि गंभीर नगदी संकट से जूझ रहे देश में आने वाले दिन बेहद बुरे रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगले तीन महीने के लिए आयात पर नियंत्रण जारी रखेगी। पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में एक समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को पूर्व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ शासन द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली आर्थिक नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के दौरान देश का बजट घाटा 1,600 अरब अमेरिकी डॉलर था। जबकि पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ शासन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 3,500 अमेरिकी डॉलर हो गया।
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इस्माइल ने कहा, ‘‘मैं तीन महीने तक आयात बढ़ाने की इजाजत नहीं दूंगा और इस बीच हम नीति लाएंगे। वृद्धि कुछ हद तक प्रभावित तो होगी लेकिन कोई और विकल्प नहीं है।’’ पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान ने 80 अरब डॉलर का आयात किया जबकि निर्यात 31 अरब डॉलर का किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को देश को संभावित चूक से बचाना होगा और तात्कालिक एवं लघु अवधि के कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम सही रास्ते पर हैं लेकिन खराब दिन देखने पड़ेंगे। अगर हम तीन महीने के लिए आयात पर काबू पा लें, हम विभिन्न माध्यम से निर्यात बढ़ा सकते हैं।
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