मुस्लिमों पर अमेरिका का एक और तगड़ा एक्शन, हिल गई दुनिया! कट्टरपंथियों की पाठशाला पर ट्रंप ने अब क्या चाबुक चलाया

America
@realDonaldTrump
अभिनय आकाश । Apr 16 2025 12:12PM

ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को लिखे पत्र में व्यापक सरकारी और नेतृत्व सुधारों का आह्वान किया, जिसके तहत हार्वर्ड को योग्यता-आधारित प्रवेश और नियुक्ति नीतियां स्थापित करनी होंगी, साथ ही विविधता संबंधी विचारों पर अध्ययन निकाय, संकाय और नेतृत्व का लेखा-जोखा भी रखना होगा।

रतन टाटा, जॉन एफ केनेडी, आनंद महिंद्रा, बराक ओबामा, मार्क जुकरबर्ग, जॉर्ज बुश, टीएस इलियट ये सारे नाम आते भले ही अलग अलग दुनिया से हैं। लेकिन एक धागा ऐसा है जो इन सभी को जोड़ देता है। अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी की लाल दीवारों में इन सभी के जीवन के कुछ साल बीते हैं। लेकिन इन लाल दीवारों के लिए 14 अप्रैल का दिन अच्छा नहीं था। 18 अक्टूबर 1636 के दिन ये यूनिवर्सिटी बनी थी। इन 389 बरसों में अपने हार्ड वर्क से हावर्ड ने बहुत कुछ कमाया। पहला आर्गेन ट्रांसप्लांट यहीं के लोगों ने किया। जो ओआरएस आप पीते हैं, यहीं के एक शख्स ने बनाया। एमआरआई भी यहीं से शुरू हुई। लिस्ट बहुत लंबी है। लेकिन अमेरिका में नया निजाम आ चुका है जो देश को नए सिरे से ग्रेट बनाना चाहता है। ग्रेट बनाने के चक्कर में घर के बाहर तो अमेरिका की चाल ढाल बदल ही गई है। घर के अंदर भी अमेरिका की नई परिभाषा के मुताबिक ग्रेटनेस की मुहिम शुरू हुई है।  

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 कट्टरपंथियों की पाठशाला पर ट्रंप ने चाबुक चलाया है। अमेरिका की जिस टॉप यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के झंडे लहराए गए थे। उसे ट्रंप ने सरकारी फंड देने से मना कर दिया है। ये यूनिवर्सिटी अमेरिका की टॉ यूनिवर्सिटी हावर्ड है। जिसकी कैंपस में करीब डेढ़ साल पहले फिलिस्तीनी झंडे लहराए गए थे। हावर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहरा दिया था। जिस फिलिस्तीन पर इजरायल बमों की बारिश कर रहा है। उसी फिलिस्तीन के समर्थन में अमेरिका की यूनिवर्सिटी में आवाज उठाई गई थी। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हावर्ड यूनिवर्सिटी पर बड़ा एक्शन लिया है। अमेरिका सरकार ने कहा है कि वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के अनुदान और अनुबंधों पर रोक लगा रही है। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब विश्वविद्यालय ने सोमवार को कहा था कि वह परिसर में आंदोलन संबंधी सक्रियता को सीमित करने की ट्रंप प्रशासन की मांगों का अनुपालन नहीं करेगा। 

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ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को लिखे पत्र में व्यापक सरकारी और नेतृत्व सुधारों का आह्वान किया, जिसके तहत हार्वर्ड को योग्यता-आधारित प्रवेश और नियुक्ति नीतियां स्थापित करनी होंगी, साथ ही विविधता संबंधी विचारों पर अध्ययन निकाय, संकाय और नेतृत्व का लेखा-जोखा भी रखना होगा। इसमें चेहरे पर पहने जाने वाले मास्क पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। यह मांग फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने के लिए की गई प्रतीत होती है। हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने सोमवार को हार्वर्ड समुदाय को लिखे एक पत्र में कहा कि ये मांगें विश्वविद्यालय के प्रथम संशोधन अधिकारों का उल्लंघन करती हैं और शीर्षक 6 के तहत सरकार के अधिकार की वैधानिक सीमाओं को पार करती हैं। 

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गार्बर ने लखा कि किसी भी सरकार को - चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो - यह निर्देश नहीं देना चाहिए कि निजी विश्वविद्यालय क्या पढ़ा सकते हैं, किसे प्रवेश दे सकते हैं और किसे नियुक्त कर सकते हैं, तथा अध्ययन और जांच के किन क्षेत्रों को आगे बढ़ा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने यहूदी-विरोधी भावना को दूर करने के लिए व्यापक सुधार किए हैं।

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