जी-7, नाटो भागीदारों से परे एक वैश्विक गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहा है अमेरिका

Jen Psaki

साकी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जैसा कि हमने देखा है, वैश्विक मंच पर राष्ट्रपति के नेतृत्व के प्रभाव और आर्थिक पाबंदियों ने रूस तथा उसकी अर्थव्यवस्था को पतन की कगार पर पहुंचा दिया है।इसमें कोई शक नहीं है कि समय के साथ इसके और गंभीर परिणाम होंगे।’’

वाशिंगटन, 15 मार्च अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जी-7 और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) भागीदारों से परे एक वैश्विक गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि चीन, भारत, ब्राजील और मेक्सिको जैसे कुछ देश रूस के खिलाफ अमेरिका के आर्थिक युद्ध का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन इससे रूस के खिलाफ जो बाइडन प्रशासन के प्रयास कमजोर नहीं हुए हैं।

साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ना केवल चीन, बल्कि भारत और ब्राजील जैसे कुछ बड़े देश और मेक्सिको तथा लातिन अमेरिका जैसे कुछ देश भी रूस के खिलाफ आर्थिक युद्ध का हिस्सा नहीं हैं। तो क्या इससे अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रयास कमजोर हो गए हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगी कि इससे प्रयास कमजोर नहीं हुए हैं। हम जी-7 और अपने नाटो भागीदारों से परे एक वैश्विक गठबंधन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं और इसमें हमें काफी सफलता भी मिली है। हर देश को यह तय करना होता है कि इतिहास के पन्नों में वे किस तरह दर्ज होना चाहते हैं।’’

साकी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जैसा कि हमने देखा है, वैश्विक मंच पर राष्ट्रपति के नेतृत्व के प्रभाव और आर्थिक पाबंदियों ने रूस तथा उसकी अर्थव्यवस्था को पतन की कगार पर पहुंचा दिया है।इसमें कोई शक नहीं है कि समय के साथ इसके और गंभीर परिणाम होंगे।’’

उन्होंने कहा कि इन आर्थिक प्रतिबंधों में चीन के रूस के लिए बहुत मददगार साबित होने की उम्मीद नहीं है।

हालांकि, अमेरिका उस पर कड़ी नजर बनाए हुए है। साकी ने कहा कि चीन अगर रूस को सैन्य मदद प्रदान करता है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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