असैन्य परमाणु सहयोग में बाधाओं को दूर करने के लिए अमेरिका उठा रहा है कदम, भारत दौरे पर आए NSA सुलिवन का बड़ा बयान
सुलिवन ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने लगभग 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का एक दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हमें अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि बिडेन प्रशासन ने निर्धारित किया है कि अगला कदम उठाने का समय आ गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय परमाणु संस्थाओं और अमेरिकी कंपनियों के बीच नागरिक परमाणु सहयोग में बाधा डालने वाले लंबे समय से चले आ रहे नियमों को हटाने को अंतिम रूप दे रहा है। सुलिवन ने इस कदम को द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से अपेक्षित था।
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सुलिवन ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने लगभग 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का एक दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हमें अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि बिडेन प्रशासन ने निर्धारित किया है कि अगला कदम उठाने का समय आ गया है। उन्होंने पुष्टि की कि आवश्यक कागजी कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिससे पहले से प्रतिबंधित अमेरिकी सूची में शामिल भारतीय संस्थाओं को अमेरिकी निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के साथ सहयोग करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।
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संयुक्त राज्य अमेरिका अब लंबे समय से चले आ रहे नियमों को हटाने के लिए आवश्यक कदमों को अंतिम रूप दे रहा है, जो भारत की प्रमुख परमाणु संस्थाओं और अमेरिकी कंपनियों के बीच नागरिक परमाणु सहयोग को रोकते हैं। सुलिवन ने कहा कि यह निर्णय पिछले चार वर्षों में रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति और भारत की पारदर्शी भागीदारी को दर्शाता है।
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