नीदरलैंड के बाद डेनमार्क ने भी यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देने की पेशकश की
नीदरलैंड ने यह नहीं बताया कि वह कितने लड़ाकू विमान उपलब्ध कराएगा। वहीं, जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि यूक्रेन को 42 लड़ाकू विमान मिलेंगे। नीदरलैंड और डेनमार्क ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका ने उन्हें यूक्रेन को अमेरिकी निर्मित एफ-16 युद्धक विमान देने के लिए अधिकृत किया है। यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देने के लिए अमेरिका की मंजूरी को कीव के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा गया है। युद्ध में यूक्रेन पुराने विमानों पर निर्भर रहा है, जैसे कि रूसी निर्मित मिग-29 और सुखोई लड़ाकू विमान। एफ-16 में नयी तकनीक और सटीक मारक क्षमताएं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वे अधिक उपयोगी भी हैं।
नीरदरलैंड और डेनमार्क ने रविवार को घोषणा की कि उनका देश 19 एफ-16 लड़ाकू विमान यूक्रेन को दान में देगा। बहुप्रतीक्षित घोषणा के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यह देश की सेनाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए अहम घोषणा है और इससे रूस का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। नये लड़ाकू विमान देने की पेशकश यूक्रेन के एक सिनेमाघर पर रूस के मिसाइल हमले के एक दिन बाद की गई है। यूक्रेन में रूस के हमले से उत्तरी शहर चेर्नीहीव में छह साल की बच्ची सहित सात लोग मारे गए थे और लगभग 150 अन्य घायल हुए हैं। जेलेंस्की ने हमले का बदला लेने की कसम खाई थी। यूक्रेनी वायुसेना को मजबूत करने के लिए जेलेंस्की महीनों से सहयोगी देशों से एफ-16 देने का अनुरोध कर रहे थे। अमेरिका ने हाल ही में नीदरलैंड और डेनमार्क को यूक्रेन को अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमान देने की मंजूरी दी थी। इन विमानों को हासिल करने के तौर-तरीके को अंतिम रूप देने के लिए जेलेंस्की ने रविवार को दोनों देशों की यात्रा की। जेलेंस्की ने कहा, ‘‘ एफ-16 निश्चित रूप से सैनिकों और नागरिकों को नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और प्रेरणा देगा।
मुझे यकीन है कि इससे यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए नए नतीजे सामने आएंगे।’’ यूक्रेन को उम्मीद है कि हवाई हमले की क्षमता प्राप्त करने के बाद क्रेमलिन की सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जा सकेगी जिससे उसे बढ़त मिलेगी। अब तक उसके सैनिकों को रूसी विमानों और तोपखाने की दया पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ये लड़ाकू विमान कितनी जल्दी यूक्रेन को मिलेंगेया यूक्रेन के आसमान में होंगे। यह इस बात पर निर्भर करता है कि यूक्रेन कितनी जल्दी इन विमानों के परिचालन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करता है। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने जेलेंस्की से बातचीत में लड़ाकू विमान देने की पेशकश की थी। रूट ने आइंडहोवेन के हवाई अड्डे पर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा था कि कुछ शर्तें पूरी होने के बाद विमानों की आपूर्ति की जाएगी। यह घोषणा रूट और जेलेंस्की द्वारा हवाई अड्डे पर एक हैंगर में खड़े दो एफ-16 लड़ाकू विमानों का निरीक्षण करने के बाद की गई। यूक्रेन लंबे समय से अत्याधुनिक लड़ाकू विमान की मांग कर रहा है ताकि उसे युद्ध में बढ़त मिल सके। रूट ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि ये विमान यथाशीघ्र सक्रिय और क्रियाशील हों। ... अगले महीने के लिए नहीं, यह असंभव है, लेकिन उम्मीद है कि इसके तुरंत बाद।’’
रूट से मुलाकात के कुछ घंटे के बाद जेलेंस्की ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन, रक्षामंत्री और युवरानी मैरी से दक्षिणी डेनमार्क के स्कराईडस्ट्रप हवाई ठिकाने पर मिले। फ्रेडरिक्सन ने कहा कि डेनमार्क यूक्रेन को 19 एफ-16 जेट उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है’ छह विमान को नए साल के आसपास, आठ को अगले साल और शेष पांच को 2025 में मुहैया कराया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ कृपया इस दान को अपने देश की आजादी की लड़ाई में डेनमार्क के अटूट समर्थन के प्रतीक के रूप में लें।’’ नीदरलैंड ने यह नहीं बताया कि वह कितने लड़ाकू विमान उपलब्ध कराएगा। वहीं, जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि यूक्रेन को 42 लड़ाकू विमान मिलेंगे। नीदरलैंड और डेनमार्क ने शुक्रवार को कहा था कि अमेरिका ने उन्हें यूक्रेन को अमेरिकी निर्मित एफ-16 युद्धक विमान देने के लिए अधिकृत किया है। यूक्रेन को एफ-16 लड़ाकू विमान देने के लिए अमेरिका की मंजूरी को कीव के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा गया है। युद्ध में यूक्रेन पुराने विमानों पर निर्भर रहा है, जैसे कि रूसी निर्मित मिग-29 और सुखोई लड़ाकू विमान। एफ-16 में नयी तकनीक और सटीक मारक क्षमताएं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वे अधिक उपयोगी भी हैं।
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