खराब स्वास्थ्य की अफवाहों के बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति Ramaphosa ने कहा- ‘मैं बिल्कुल ठीक हूं’

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रामफोसा ने पुष्टि की कि एएनसी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं देश में इस साल चुनाव होने वाला है। कुछ विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि एएनसी 1994 में पहले लोकतांत्रिक चुनावों के बाद पहली बार अपना बहुमत खो सकती है।

जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों का खंडन किया और कहा कि वह ‘‘बिल्कुल ठीक’’ हैं। रामफोसा ने कहा कि उनके आईसीयू में भर्ती होने की खबरें ‘‘बढ़ा-चढ़ा कर’’ प्रसारित की गई थीं और वह अधिकारियों की सलाह पर रविवार को घर से काम कर रहे थे। अधिकारियों ने उन्हें व्यस्त सप्ताह को लेकर घर पर सुरक्षित वातावरण में रहने की सलाह दी थी।

रामफोसा ने सोमवार को रंगभेद विरोधी आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए लिम्पोपो प्रांत में एक पुष्पांजलि समारोह में यह टिप्पणी की। राष्ट्रपति का स्पष्टीकरण रविवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित उन खबरों के बाद आया जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें प्रिटोरिया के 1-सैन्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर विपक्षी पार्टी इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स के नेता जूलियस मैलेमा के एक फर्जी खाते से दावा किया गया कि रविवार को अस्पताल में भर्ती होने से पहले रामफोसा (दिल का दौरा पड़ने के बाद) गिर गए थे।

लिम्पोपो के कार्यक्रम में रामफोसा ने कहा कि उनका स्वास्थ्य बेहतर है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बीमारी और मेरे आईसीयू में होने की खबर बेहद बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई है। मैं बिल्कुल ठीक हूं और यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष जारी रखूंगा कि वास्तव में हमारे लोगों को समृद्ध और खुशहाल जीवन मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बैठकें कीं और फिर मैंने अधिकारियों के निर्देशों पर (रविवार को) घर पर काम करना जारी रखा। अधिकारियों ने कहा- हम चाहते हैं कि आप सुरक्षित रहें क्योंकि राष्ट्रपति के रूप में अगले छह दिन आपके लिए काफी व्यस्तता से भरे रहने वाले हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं है। मुझे कोई दिल का दौरा नहीं पड़ा। आप देख सकते है कि यह नकली रामफोसा नहीं है, यहां कोई मेरा हमशक्ल नहीं है।’’

रामफोसा ने पुष्टि की कि एएनसी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं देश में इस साल चुनाव होने वाला है। कुछ विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि एएनसी 1994 में पहले लोकतांत्रिक चुनावों के बाद पहली बार अपना बहुमत खो सकती है। वर्ष 1994 में दशकों के अल्पसंख्यक श्वेत रंगभेदी शासन के बाद एएनसी नेता नेल्सन मंडेला सत्ता में आए थे। रामफोसा ने जोर देकर कहा है कि एएनसी सभी मुद्दों पर विजय प्राप्त करेगी और मजबूत होकर उभरेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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