डायबिटीज़ में मिठास के लिए यह है चीनी के हेल्दी विकल्प
नारियल के पेड़ से प्राकृतिक तरीके से बनाए जाने वाला कोकोनट शुगर के बारे में भले ही हर किसी को पता न हो, लेकिन पिछले कुछ समय से यह डायबिटीज़ पेशेंट के बीच लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं।
डायबिटीज़ मरीज़ों के लिए चीनी जहर के सामान होती है। वैसे सामान्य लोगों के लिए भी चीनी का अधिक सेवन अच्छा नहीं होता है यह मोटापे का भी कारण बनती है। इसलिए हर किसी को बहुत ही सीमित मात्रा में चीनी का सेवन करना चाहिए। डायबिटीज़ के मरीज जिन्हें मीठा बहुत पसंद है और वह मीठे के बिना नहीं रह सकते वह चीनी की जगह मिठास के लिए इन हेल्दी चीज़ों को डायट में शामिल कर सकते हैं।
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शहद- पोषक तत्वों से भरपूर शहद का इस्तेमाल नेचुरल स्वीटनर के रूप में किया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शहद में ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू चीनी से कम होती है, इसलिए इसे चीनी का हेल्दी विकल्प माना जाता है। डायबिटीज़ पेशेंट कॉफी/चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी मात्रा में शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, डायबिटीज़ के मरीजों के लिए एंटीऑक्सीडेंट फायदेमंद होता है और शहद में यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह चीनी के मुकाबले हेल्दी है। इस बीमारी से जुड़ी एक रिसर्च के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए शहद का सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन हां इसे भी संतुलित मात्रा में ही लिया जाना चाहिए। बहुत अधिक सेवन से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है।
खजूर- इसमें सेलेनियम, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन डायबिटीज़ पेशेंट इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि उनके लिए खजूर खाना ठीक है या नहीं? क्योंकि इसमें शुगर और कैलोरी की अधिक मात्रा होती है, लेकिन यह नेचुरल शुगर होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज़ के ऐसे पेशेंट जिनका ब्लड शुगर कंट्रोल में है और जो रोजाना कसरत करते हैं वह एक दिन में 1-3 खजूर खा सकते हैं या उसे दूध में उबालकर भी पी सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। दरअसल, खजूर में ग्लूकोज और फ्रक्टोज की अच्छी मात्रा होती है जो डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ ही इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत बनाता है।
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कोकोनट शुगर- नारियल के पेड़ से प्राकृतिक तरीके से बनाए जाने वाला कोकोनट शुगर के बारे में भले ही हर किसी को पता न हो, लेकिन पिछले कुछ समय से यह डायबिटीज़ पेशेंट के बीच लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं। यही वजह है कि मधुमेह रोगियों के लिए चिकित्सक इसे चीनी का बेहतरीन विकल्प मानते हैं। चिकित्सकों के अनुसार डायबिटीज़ पेशेंट मिठास की कमी को दूर करने के लिए कोकोनट शुगर का सेवन कर सकते हैं। इसमें आयरन, जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम आदि भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा फैटी एसिड्स जैसे पोलिफेनॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी इसमें होते हैं। इसे पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से बनाया जाता है और इसमें कोई केमिकल नहीं होता है।
मेपल सिरप- मेपल सिरप का इस्तेमाल भी चीनी की जगह किया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स शहद से भी कम होता है और इसमें पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, ज़िंक और मैगनीज़ से पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सिडेंट भी भरपूर होता है जिस वजह से डायबिटीज़ पेशेंट भी इसका सेवन कर सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, यह ब्लड शुगर को संतुलित रखता है और खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज़ को रोकने में मददगार है। हालांकि इसका सेवन कितनी मात्रा में करना है इस बारे में डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
- कंचन सिंह
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