Health Tips: बच्चे के जन्म के बाद खाएं ये मसाले, जल्द होगी रिकवरी

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मिताली जैन । Nov 24 2024 10:59AM

हल्दी के अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह आपके आंतरिक घावों को ठीक करने और डिलीवरी के बाद की सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही साथ, यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके इंफेक्शन से बचाता है।

बच्चे के जन्म के बाद एक मां को अपने आहार पर बहुत अधिक ध्यान देना होता है। जब नई मां अच्छा आहार लेती है तो इससे ना केवल उसे रिकवरी में मदद मिलती है, बल्कि ब्रेस्टमिल्क भी बढ़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ मसालों व हर्ब्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। ये मसाले कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जिससे आपके शरीर को ताकत मिलती है। हल्दी, मेथी, अजवायन और जीरा जैसे मसाले अपनी हीलिंग प्रोपर्टीज के लिए भी जाने जाते हैं। साथ ही साथ, इन मसालों से आपको अन्य भी बहुत अधिक लाभ मिलते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ मसालों व हर्ब्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें एक नई मां को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए-

हल्दी

हल्दी के अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह आपके आंतरिक घावों को ठीक करने और डिलीवरी के बाद की सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही साथ, यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके इंफेक्शन से बचाता है। आप हल्दी का दूध ले सकते हैं या फिर सूप और दाल आदि में इसे शामिल कर सकते हैं।

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मेथी 

मेथी अपने फाइटोएस्ट्रोजेन के कारण ब्रेस्टमिल्क के उत्पादन को बढ़ाता है। यह ना केवल पाचन में सहायता करता है, बल्कि सूजन को भी कम करता है। साथ ही साथ, इससे जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में मदद मिलती है। मेथी के लड्डू के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है, करी में मिलाया जा सकता है, या मेथी चाय के लिए पानी में उबाला जा सकता है।

अजवाइन

अजवाइन की मदद से प्रसव के बाद होने वाली आम समस्याओं गैस, सूजन और अपच से राहत मिलती है। इसमें एंटी-माइक्रोबायल प्रोपर्टीज भी पाई जाती हैं, जो इंफेक्शन को दूर करने में मददगार है। आप अजवाइन को पानी में उबालकर इसका इस्तेमाल करें या फिर अजवाइन के पराठे की तरह फ्लैटब्रेड में मिला लें।

सौंफ़ 

सौंफ के सेवन से ब्रेस्टमिल्क प्रोडक्शन बेहतर होता है। साथ ही साथ, यह पाचन में सुधार करता है और कब्ज से बचाता है। आप कच्ची सौंफ को यूं ही चबा सकते हैं या फिर सौंफ का पानी पीएं। आप इसे चाय और मिठाई का हिस्सा भी बना सकते हैं।

- मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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