Brain Fog: ब्रेन फॉग में दिमाग हो जाता है क्लाउडी, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Brain Fog
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ब्रेन फॉग की समस्या होने पर व्यक्ति में भूलने की बीमारी, भ्रम और फोकस आदि में कमी देखी जाती है। आप इसे आसान भाषा में समझें तो इस स्थिति में आपका मस्तिष्क क्लाउडी हो सकता है। इसी वजह से सभी लोगों को मस्तिष्क स्वस्थ रखने की सलाह दी जाती है।

हमारे शरीर का नियंत्रक हमारा मस्तिष्क होता है। वहीं मस्तिष्क में होने वाली किसी भी समस्या का असर हमारे पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। इसी वजह से सभी लोगों को मस्तिष्क स्वस्थ रखने की सलाह दी जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हमारी लाइफस्टाइल और खानपान में होने वाली गड़बड़ी की वजह से इसका प्रभाव पूरे शरीर पर देखने को मिलता है। ऐसी ही एक समस्या ब्रेग फॉग की है। 

ब्रेन फॉग यानी की अगर आप इसे आसान भाषा में समझें तो इस स्थिति में आपका मस्तिष्क क्लाउडी हो सकता है। हालांकि यह कोई मेडिकल या वैज्ञानिक शब्द नहीं है। इस समस्या में मस्तिष्क संबंधित कुछ समस्याएं होती हैं। ब्रेन फॉग की समस्या होने पर व्यक्ति में भूलने की बीमारी, भ्रम और फोकस आदि में कमी देखी जाती है। बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में ब्रेन फॉग का खतरा अधिक देखा जा रहा है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बचाव और उपायों के बारे में...

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ब्रेन फॉग

वयस्कों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती है। ब्रेन फ़ॉग की समस्या के लिए खराब आहार, नींद की कमी, अधिक तनाव लेना और कुछ दवाओं का सेवन करना आदि जिम्मेदार हो सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस के मामलों ने भी दिमाग को क्षति पहुंचाते हुए इस बीमारे के खतरे को बढ़ा दिया है। वहीं जो लोग कंप्यूटर आदि पर अपना अधिक समय बिताते हैं, उन्हें ब्रेन फॉग की समस्या हो सकती हैं। आइए जानते हैं ब्रेन फॉग के लक्षणों के बारे में...

ब्रेन फॉग के लक्षण

चीजों को अच्छे तरीके से याद न कर पाना।

चीजों को फौरन समझ पाने में कठिनाई होना।

ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना।

नींद न आना-अनिद्रा और सिरदर्द।

ऊर्जा में कमी या थकान।

क्यों होती है ब्रेन फॉग की समस्या

बता दें कि मस्तिष्क में इंफ्लामेशन और हार्मोन में बदलाव के कारण ब्रेन फॉग की समस्या होती है। यह आपके मूड, फोकस और ऊर्जा को निर्धारित करने का काम करते हैं। हार्मोन में परिवर्तन होने के पूरा सिस्टम अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसके अलावा ब्रेन फॉग की वजह से असामान्य मासिक धर्म, मधुमेह और सिंड्रोम मोटापा जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। वहीं जिन लोगों को एलर्जी या अस्थमा आदि की समस्या होती है। साथ ही अवसाद, चिंता और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं के कारण भी ब्रेन फॉग होने का खतरा रहता है।

नींद और खानपान पर दें ध्यान

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्रेन फॉग की समस्या वैसे तो किसी को भी हो सकती है। इसलिए इसके बचाव के तरीकों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और नींद की कमी होने पर यह समस्या हो सकती है। 

बता दें कि नींद की कमी हमारे दिमाग की कोशिकाओं के आपसी कम्युनिकेशन को बाधित करने का काम करती हैं। जिस कारण सोचने समझने की स्पष्टता खोने लगती है। 

इसके साथ ही अधिक चीनी वाली चीजों को खाने से मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से याददाश्त में समस्या आ सकती हैं। इस वजह से भी ब्रेन फॉग हो सकता है।

लाइफस्टाइल में करें बदलाव

लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।

मोबाइल और कंप्यूटर पर कम से कम समय बिताएं।

सकारात्मक सोच रख तनाव को कम करने की कोशिश करें।

पौष्टिक आहार का सेवन करें। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लामेटरी वाली चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए।

पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है, रात में 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

व्यायाम को अपनी डेली रूटीन में जरूर शामिल करें।

शराब, धूम्रपान और कॉफी के अधिक सेवन न करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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