शरीर में विटामिन पी की कमी को दूर करेंगे ये फूड्स
विटामिन पी को फ्लेवोनोइड्स भी कहा जाता है। यह पौधों में पाया जाने वाला एक तरह का यौगिक है और इसे शरीर के लिए बेहद ही आवश्यक माना जाता है। दरअसल, दिल से लेकर दिमाग तक के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है।
हेल्दी रहने के लिए शरीर में सभी विटामिन्स, मिनरल्स व अन्य पोषक तत्वों का सही तरह से बैलेंस होना जरूरी है। इन्हीं में से एक है विटामिन पी। यह एक ऐसा विटामिन है, जिसके बारे में लोग कम ही बात करते हैं। जबकि यह शरीर की कार्यप्रणाली को सही तरह से चलाने में मददगार है। विटामिन पी वास्तव में पानी में घुलनशील विटामिन के समूह में है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आसान फूड आइटम्स के बारे में बता रहे हैं, जो शरीर में विटामिन पी की कमी को दूर करने में सहायक है-
विटामिन पी के हेल्थ बेनिफिट्स
विटामिन पी को फ्लेवोनोइड्स भी कहा जाता है। यह पौधों में पाया जाने वाला एक तरह का यौगिक है और इसे शरीर के लिए बेहद ही आवश्यक माना जाता है। दरअसल, दिल से लेकर दिमाग तक के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है और डायबिटीज सहित कई बीमारियों को मैनेज करने में मददगार है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हर व्यक्ति को अपनी डाइट में विटामिन पी रिच फूड्स को अवश्य शामिल करना चाहिए।
विटामिन पी रिच फूड्स
फ्लेवोनोइड्स या बायोफ्लेवोनॉइड्स को पहले विटामिन पी के रूप में जाना जाता था। फ्लेवोनोइड्स या बायोफ्लेवोनॉइड्स प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। बता दें कि फ्लेवोनोइड्स मुख्य रूप से 6 प्रकार हैं।
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फ्लेवोनोल्स- ये आहार में फ्लेवोनोइड्स के सबसे प्रचुर स्रोत हैं और इसमें कैम्फेरोल, क्वेरसेटिन, माइरिकेटिन और फिसेटिन शामिल हैं। टमाटर, प्याज, गोभी, सेब, अंगूर, जामुन, चाय व रेड वाइन आदि इसके रिच सोर्स हैं।
फ्लेवोन्स- पुदीना, पार्सले, थाइम, सेलरी व कैमोमाइल आदि में फ्लेवोन्स पाए जाते हैं।
फ़्लेवनोल्स या फ़्लेवन-3-ओल्स- इनमें कैटेचिन शामिल हैं, जैसे एपिकेचिन और एपिगैलोकैटेचिन। ब्लैक, ग्रीन और ऊलोंग टी, ब्लू बैरीज, आडू, कोको, सेब, अंगूर और रेड वाइन में फ़्लेवनोल्स पाए जाते हैं।
फ़्लेवनोन्स- ये सभी खट्टे फलों में पाए जाते हैं और संतरे, नींबू और अन्य खट्टे फलों के छिलके के कड़वे स्वाद के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आइसोफ्लेवोन्स- आइसोफ्लेवोन यौगिक, जैसे जेनिस्टिन और डैडज़िन, फलियां और सोयाबीन में पाए जाते हैं।
एंथोसायनिन- साइनाइडिन, डेल्फ़िनिडिन और पेओनिडिन जैसे एंथोसायनिन फलों और सब्जियों के लाल, नीले या बैंगनी रंग के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। क्रैनबेरी, स्ट्रॉबेरीज, ब्लू बैरीज, रास्पबेरी, ब्लैकबेरी आदि में यह पाया जाता है।
- मिताली जैन
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