यदि आप डायटीशियन द्वारा सुझाए हुए समुचित आहार पर ध्यान देंगे तो कोरोना के प्रकोप से रहेंगे सुरक्षित
ऐसे मैं कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरियंट के एकाएक प्रसार यानी तीसरी लहर के अचानक फैलने से बचने के लिए अब एक ही रास्ता नजर आ रहा है कि कोरोना काल में स्वस्थ आहार लिया जाए ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रही।
पिछले दो सालों से दुनिया कृत्रिम वैश्विक महामारी कोविड 19 यानी कोरोना और इससे उपजने वाले नाना प्रकार के वैरिएंट से जूझ रही है। कहने को तो इससे निपटने के लिए चिकित्सा विज्ञानियों ने विभिन्न प्रकार के वैक्सीन का भी ईजाद कर लिया है, बावजूद इसके यह अदृश्य और छुआछूत वाली बीमारी नियंत्रित नहीं हुई, बल्कि कई बार तो उनको भी अपनी चपेट में लेने में सफल रही, जिन्होंने टीके की दोनों डोज लगवा रखी थी। इसलिए अब बूस्टर डोज की जरूरत भी महसूस की जा रही है और लोग ले भी रहे हैं।
ऐसे मैं कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरियंट के एकाएक प्रसार यानी तीसरी लहर के अचानक फैलने से बचने के लिए अब एक ही रास्ता नजर आ रहा है कि कोरोना काल में स्वस्थ आहार लिया जाए ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रही। इस हेतु आहार विशेषज्ञ लोगों ने कोविड के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आहार और उनके कम्बीनेशन सुझाए हैं।
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आहार विशेषज्ञों यानी डायटीशियन्स की राय में कोई भी भोजन या पूरक आहार कोविड-19 के संक्रमण को रोक या ठीक नहीं कर सकता है। हां, स्वस्थ आहार लेने से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगा। जिससे कोरोना बीमारी से ग्रसित हो जाने के बावजूद शीघ्र स्वस्थ होने के आसार बने रहेंगे। इसलिए कोरोना बीमारी पर लगाम लगाने वाले आहार का समर्थन करना हम सबके लिए महत्वपूर्ण है।
आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि अच्छा पोषण करने वाला भोजन हमें मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के विकास की संभावना को कम कर सकता है। इसलिए अच्छा पोषण और स्वस्थ जीवन शैली ही आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने का एकमात्र तरीका है।
# ये हैं कोविड रोगियों के लिए पोषण संबंधी दिशानिर्देश
यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कौशाम्बी, गाजियाबाद में डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन विभाग की प्रमुख सुश्री भावना गर्ग ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि घर का बना ताजा भोजन करें, बासी या बचे हुए भोजन से बचें। रोजाना अपने आहार में सभी प्रकार के ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें। जमे हुए फलों को शेक और स्मूदी में भी मिलाया जा सकता है।
वहीं, अपने भोजन को अच्छी तरह से पचाने के लिए, नियमित शारीरिक गतिविधि जैसे चलना, बागवानी, दौड़ना, इनडोर खेल और सांस लेने के व्यायाम जैसे ध्यान, योग, व्यायाम आदि सहनशीलता के अनुसार उचित है।
किसी भी व्यक्ति को मध्यम कार्बोहाइड्रेट के साथ संतुलित आहार अधिमानतः जटिल कार्बोहाइड्रेट और मैदा या इसके उत्पादों, परिष्कृत चीनी और जूस से अधिक से बचना चाहिए। वहीं, उच्च फाइबर वाले बाजरा में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो उन्हें मधुमेह रोगियों के लिए भी एक आदर्श आहार बनाता है। यह न सिर्फ आपकी इम्युनिटी को बढ़ाता है बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है।
वहीं, सर्दियों के मौसम में रागी, बाजरा, ज्वार जैसे आहार शामिल करना अच्छा होता है, जिनमें उच्च फाइबर होता है, जो आपके पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है और आपके रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। जबकि वसा का सेवन 15-20 ग्राम प्रतिदिन, तेल के संयोजन से किया जा सकता है अर्थात सूरजमुखी, कुसुम, चावल की भूसी, जैतून का तेल, सरसों का तेल आदि रोटेशन के आधार पर तेल का उपयोग करें। वहीं, उच्च जैविक मूल्य वाले प्रोटीन, जैसे- दूध और दुग्ध उत्पाद, सोयाबीन, दही टोफू, अंडे, चिकन, मछली आदि। कम से कम 1 ग्राम प्रति किग्रा आदर्श शरीर के वजन का प्रोटीन लें यानी यदि किसी व्यक्ति का आदर्श शरीर का वजन 60 किग्रा है तो उसे 60 ग्राम प्रोटीन का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
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आहार विशेषज्ञ बताते हैं कि एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन सी, ई ए, डी और खनिज जस्ता और सेलेनियम, शहद, हल्दी, अदरक आदि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में हमारी मदद करते हैं। इसलिए विटामिन सी से भरपूर भोजन जैसे खट्टे फल, आंवला, नींबू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, अमरूद, कीवीफ्रूट, ब्रोकली, स्ट्रॉबेरी और पपीता शामिल करें। जबकि विटामिन डी हमें प्रतिरक्षा के निर्माण में मदद करता है, जिसके स्रोत हैं मशरूम, पनीर, अंडे की जर्दी, मछली, कॉड लिवर ऑयल आदि। विटामिन डी के संश्लेषण के लिए रोजाना सुबह 15-20 मिनट के लिए धूप में बैठने की भी सिफारिश की जाती है।
वहीं, विटामिन ई और विटामिन ए भी आपके स्वास्थ्य में सुधार और तेजी से ठीक होने में मदद करते हैं। इसलिए विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, बादाम, कद्दू के बीज, चुकंदर की जड़, पालक आदि। वहीं, विटामिन ए के स्रोत लीवर फिश, फोर्टिफाइड अनाज, शकरकंद, लाल मिर्च, कद्दू, गाजर, आम, संतरे आदि हैं।
डायटीशियन के मुताबिक, जिंक इम्युनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके स्रोतों में कद्दू के बीज, काजू, छोले और मछली शामिल हैं। यह एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं। जिंक को एंटीवायरल गुण भी कहा जाता है, जो वायरस के गुणा करने या गंभीर संक्रमण का कारण बनने की क्षमता को कम कर सकता है। वहीं, सेलेनियम भी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। इसके स्रोत समुद्री खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पाद, केला, बीन्स, आलू, ब्राउन राइस, दाल, पालक आदि हैं।
वहीं, शहद एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर और पाचन एवं आंत के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। यह गले की खराश के लिए भी प्रभावी है। जबकि हल्दी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जिसे अपने दैनिक आहार में शामिल करने से खांसी की सभी समस्याओं से राहत मिलती है। इसलिए रोज 1 चम्मच हल्दी लें, उसमें एक गिलास गर्म पानी मिलाएं और रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसी प्रकार अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की खराश को ठीक करने में मदद करते हैं। यह कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में अत्यधिक प्रभावी है। कोई भी व्यक्ति खुद को हाइड्रेट रखें। पीने का पानी, सूप, नींबू पानी, ताजा नारियल पानी, छाछ आदि खूब लें।
आपको यह पता होना चाहिए कि कोविड संक्रमण के दौरान और अन्यथा भी अच्छी नींद की आवश्यकता होती है, इसलिए बड़ी मात्रा में मजबूत कॉफी, मजबूत चाय और विशेष रूप से कैफीनयुक्त शीतल पेय और ऊर्जा पेय पीने से बचें। ये निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं और आपके सोने के पैटर्न को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। यदि इन बातों का ध्यान आप रखेंगे तो कोई भी बीमारी आपसे दूर रहेगी और यदि किसी अन्य वजह से आपको ग्रस भी लेगी तो आप जल्दी ठीक हो सकते हैं, जैसा कि चिकित्सा जगत के दिग्गज अनौपचारिक रूप से बताते हैं।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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