इन कारणों की वजह से हो सकती है ब्लड प्रेशर की समस्या, अपनाएं रोकथाम के यह तरीके!

blood pressure
सिमरन सिंह । Jun 12 2020 7:34PM

हाई ब्लड प्रेशर का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं है और इसके बारे में कुछ ही लोगों को पता होता है कि वो इस समस्या से परेशान हैं। ऐसे में इसे प्राथमिक ब्लड प्रेशर या आवश्यक ब्लड प्रेशर कहा जाता है।

बदलती जीवनशैली के कारण ब्लड प्रेशर की समस्या उम्र से पहले ही युवाओं में भी नजर आने लगी है। वहीं, ब्लड प्रेशर का अचानक से बढ़ना और घटना दोनों ही काफी खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार रक्त धमनियों पर अधिक दबाव पड़ने से भी हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है। जबकि स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर ही हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर के लक्षण सामने आते हैं।

इस पर काबू पाने के लिए कई लोग दवाइयों का सेवन करते हैं, लेकिन दवाइयों को सहारा लेना एकमात्र हल नहीं है। इससे सिर्फ कुछ समय के लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में किया जा सकता है। वहीं, आज हम आपको चिकित्सकों द्वारा बताए गए हाई ब्लड प्रेशर होने के कारण, इससे किसे सबसे ज्यादा दिक्कत हो सकती है और इसे कैसे रोका जा सकता है वो बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं...

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ब्लड प्रेशर होने के कारण

- ज्यादा वजन होने पर

- ज्यादा धुम्रपान करना

- ज्यादा नमक का सेवन करने पर

- पर्याप्त व्यायाम या योगा न करने पर

- ज्यादा शराब का सेवन करने पर 

-  65 साल से ज्यादा उम्र होने पर

- पर्याप्त फल और सब्जियों का सेवन न करने पर

- ज्यादा कैफीन आधारित पेय पदार्थ का सेवन करने पर

- खून के रिश्त में अगर किसी को ब्लड प्रेशर की समस्या है

चिकित्सकों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं है और इसके बारे में कुछ ही लोगों को पता होता है कि वो इस समस्या से परेशान हैं। ऐसे में इसे प्राथमिक ब्लड प्रेशर या आवश्यक ब्लड प्रेशर कहा जाता है। सिर में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, नाक से खून आना और धुंधली या दोहरी दृष्टि जैसे लक्षण प्राथमिक ब्लड प्रेशर के सामान्य कारण हैं। अगर आपमें इनमें से कोई लक्षण हैं तो तुंरत डॉक्टक से सुझाव लें।

चिकित्सकों की मानें तो लगभग 10 प्रतिशत ब्लड प्रेशर के मामले ऐसे हैं जो अंदरूनी बीमारी या अन्य कारण का परिणाम होते हैं, जिसे द्वितीयक उच्च रक्तचाप कहा जाता है। मधुमेह, गुर्दे से संबंधित बीमारी, ल्यूपस, गुर्दे में ब्लड पहुंचाने वाली धमनियों का सिकुड़ना, मौखिक गर्भनिरोधक गोली लेना, दर्द निवारक दवाइयों का ज्यादा सेवन करना, हर्बल उपचार, हार्मोनल बीमारियाँ जैसे कुशिंग सिंड्रोम और मनोरंजक औषधियों का सेवन करना जैसे- क्रिस्टल मेथामफेटामाइन, कोकीन और एम्फ़ैटेमिन। ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर इसे द्वितीयक उच्च रक्तचाप कहते हैं।

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हाई ब्लड प्रेशर रोकथाम के निम्न तरीके

- रोजाना व्यायाम या योगा करें

- सेहतमंद भोजन का सेवन करें

- बढ़ते वजन को कम करें

- ज्यादा नमक का सेवन न करें

- ज्यादा शराब का सेवन करना बंद करें

- धूम्रपान का सेवन करना बंद कर दें

- कैफीन वाले पेय पदार्थों को कम से कम सेवन करें

वहीं, अगर आप शराब और सिरगेट की आदत से मजबूर हैं और इसे चाहकर भी कम या छोड़ नहीं पा रहे हैं तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसके अलाव अपनी बिगड़ती जीवनशैली में बदलाव भी जरुर लाएं। सेहतमंद भोजन का सेवन करने के साथ ही प्रतिदिन नियमत तौर पर व्यायाम यो योग जरुर करें और सुबह-शाम टहलें के लिए भी समय जरुर निकालें। इस तरह से आप ब्लड प्रेशर जैसी घातक बीमारी से बचे रह सकते हैं और इसके इलाज में जल्दी आराम भी पा सकते हैं।

- सिमरन सिंह

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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