Health Tips: नवजात बच्चे के जन्म के फौरन बाद न चटाएं शहद, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर
आपने भी देखा होगा कि बच्चे के जन्म के बाद उसको सबसे पहले शहद चटाया जाता है। लेकिन डॉक्टर ऐसा करने से मना करते हैं। आपको बता दें कि न्यू बॉर्न बेबी को डॉक्टर सबसे पहले शहद चटाने से मना करते हैं।
बच्चे को क्यों नहीं खिलाना चाहिए शहद
डॉक्टर की मानें, तो शहद के साथ-साथ बच्चे को चीनी का पानी भी नहीं पिलाना चाहिए। क्योंकि इन दोनों ही चीजों का स्वाद ब्रेस्टमिल्क से ज्यादा मीठा होता है। ऐसे में जब बच्चे को इन दोनों का स्वाद पसंद आ जाता है, तो फिर उसको मां का दूध अच्छा नहीं लगता है और वह दूध पीने में आनाकानी करने लगता है।
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ब्रेस्टमिल्क है जरूरी
बता दें कि बच्चे के जन्म से पहले एक घंटे के अंदर उसको मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इससे डिस्चार्ज होने से पहले ही शिशु दूध पीना सीख सकता है। जोकि बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि शुरूआ में बच्चे को स्तनपान करना सिखाना थोड़ा मुश्किल होता है। वहीं जब इस गोल्डन पीरियड में बच्चे को दूध मिल जाता है, तो इससे बच्चे को स्तनपान सीखने में आसानी होती है।
शहद के साइड इफेक्ट
शहद की वजह से बच्चे को एलर्जी हो सकती है। या फिर बच्चे को दस्त लग सकते हैं और उसके विकास पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। वहीं शहद से बच्चे को बोटुलिज्म नाम का एक दुर्लभ इंफेक्शन होने का भी खतरा होता है।
डॉक्टर से जरूर पूछें
डॉक्टर की मानें, तो इ गोल्न आवर में ब्रेस्टफीडिंग करवाया जाना चाहिए। डिलीवरी के लिए जाने से पहले ही स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट और फीडिंग के बारे में डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। जन्म के बाद बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग से पहले कुछ भी नहीं पिलाना चाहिए।
कब दे सकते हैं शहद
नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक बच्चे के एक साल के होने के बाद ही उसको शहद देना चाहिए। इससे पहले बच्चे को शहद नहीं चटाना चाहिए।
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