श्रीलंका संकट: संगकारा और जयवर्धने ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज, जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा

Kumar Sangakkara
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इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के मेंटर की भूमिका निभा रहे संगकारा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, ‘‘श्रीलंका के लोग सबसे मुश्किल समय में से एक का सामना कर रहे हैं। लोगों औरपरिवारों को संकट में देखकर दिल टूट गया है क्योंकि उन्हें दैनिक जीविका के लिए भी जूझना पड़ रहा है।

नयी दिल्ली। श्रीलंका को ढेरों सफलताएं दिलाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाजों महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा ने एक बार फिर एकजुट होते हुए देश के राजनेताओं के खिलाफ हमला बोला है क्योंकि देश को अपने सबसे विकट वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। श्रीलंका को वित्तीय और राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और लोग खाने, ईंधन और दवाओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। देश का मौजूदा विदेशी मुद्रा कोष सिर्फ दो अरब 10 करोड़ डॉलर रह गया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से लगातार इस्तीफे मांगा जा रहा है लेकिन वह पद पर बने हुए हैं। 

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इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के मेंटर की भूमिका निभा रहे संगकारा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, ‘‘श्रीलंका के लोग सबसे मुश्किल समय में से एक का सामना कर रहे हैं। लोगों औरपरिवारों को संकट में देखकर दिल टूट गया है क्योंकि उन्हें दैनिक जीविका के लिए भी जूझना पड़ रहा है और प्रत्येक दिन उनके लिए कड़ा होता जा रहा है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘लोग आवाज उठा रहे हैं और ऐसी चीज की मांग की रहे हैं जिसकी जरूरत है।’’ संगकारा ने सरकार से अपील की कि वे लोगों की बात सुने और अपने ‘विध्वंसक राजनीतिक एजेंडा’ एकतरफ रख दें। इस पूर्व क्रिकेट कप्तान ने कहा कि श्रीलंका की जरूरत उसके लोग हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोग दुश्मन नहीं हैं। श्रीलंका की जरूरत उसके लोग हैं। समय तेजी से निकल रहा है, लोगों को और उनके भविष्य को बचाया जाना चाहिए।’’

लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पुलिस विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल का इस्तेमाल कर रही है और ऐसे में जयवर्धने चाहते हैं कि नेता अपनी गलतियों को स्वीकार करें। जयवर्धने ने लिखा, ‘‘श्रीलंका में आपातकाल और कर्फ्यू देखकर दुख होता है। सरकार लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज नहीं कर सकती जिनके पास विरोध करने का पूरा अधिकार है। विरोध करने वाले लोगों को हिरासत में लेना स्वीकार्य नहीं है और मुझे श्रीलंका के साहसी वकीलों पर गर्व है जो उनकी रक्षा के लिए आगे आए। ’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘सच्चे नेता अपनी गलती स्वीकार करते हैं। हमारे देश में लोगों को बचाने के लिए आपात कदम उठाने की जरूरत है, मुश्किल के समय में सब साथ हैं। यह समस्याओं लोगों ने खड़ी की हैं और इसे सही, सक्षम लोग ठीक कर सकते हैं। ’’ टीम के इन दोनों के पूर्व साथी और अपने समय के आईसीसी के शीर्ष मैच रैफरी में से एक रोशन महानामा भी सड़कों पर उतरे। उन्होंने लिखा, ‘‘आज मैंने पड़ोस में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी मातृभूमि के निर्दोष लोगों के खिलाफ समर्थन दिखाने की जरूश्रत है जो हमारे देश में ताकत के भूखे नेताओं के खिलाफ जंग की राह पर हैं।’’ पंजाब किंग्स के बल्लेबाज भानुका राजपक्षे ने कहा, ‘‘मैं मीलों दूर हूं लेकिन मैं श्रीलंका के अपने साथी लोगों की नाराजगी महसूस कर सकता हूं क्योंकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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