राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे जनता के गुस्से का कैसे करेंगे सामना ? सड़कों पर गूंज रहे 'जाओ गोटा जाओ' के नारे
कोलंबो में विरोध प्रदर्शन कर रही एक युवती ने बताया कि हम चाहते हैं कि हमारे राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे पद से इस्तीफा दें। अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और हमारे पास खाने के लिए खाना नहीं है, हमारे पास गैस नहीं है, बिजली कुछ भी नहीं है। राजपक्षे का परिवार इस सब के लिए जिम्मेदार है।
कोलंबो। आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में सरकार के खिलाफ स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। राजधानी कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर में स्थानीय लोगों ने श्रीलंका सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की। आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रही सरकार के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप रविवार से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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बिजली, गैस की कमी से जूझ रहा श्रीलंका
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोलंबो में विरोध प्रदर्शन कर रही एक युवती ने बताया कि हम चाहते हैं कि हमारे राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे पद से इस्तीफा दें। अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और हमारे पास खाने के लिए खाना नहीं है, हमारे पास गैस नहीं है, बिजली कुछ भी नहीं है। राजपक्षे का परिवार इस सब के लिए जिम्मेदार है। विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कों में महज यही नारा ही गूंज रहा है- जाओ गोटा जाओ, जाओ गोटा जाओ। जिसका सीधा मतलब राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से है।
Colombo | Locals protest against the government of Sri Lanka at Independence Square, demand President Rajapaksa's resignation pic.twitter.com/xGAxGX7Bnu
— ANI (@ANI) April 4, 2022
आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में लोग घंटो बिजली की कटौती और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे हैं। उन्हें जीवनयापन करने में भी दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो यूनियन भी लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है क्योंकि ईंधन की कमी होने की वजह से उन्हें किराया बढ़ाना पड़ा और लोग कम दूरी की यात्रा पैदल करने के लिए मजबूर हुए हैं।
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इंडिपेंडेंस स्क्वायर में लोगों ने रविवार को भी सरकार विरोधी प्रदर्शन किया, जिसमें राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आपातकाल की स्थिति लागू करने के कदम और अन्य प्रतिबंधों का विरोध किया गया।
श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक उथल-पुथल और अशांति के नतीजतन सभी 26 कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे ने राजनीतिक परिवर्तन को जन्म दिया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपने भाई और वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को पद से हटा दिया और देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के कारण हुई कठिनाइयों के खिलाफ जनता के गुस्से से निपटने के लिए विपक्षी दलों को नई सरकार में शामिल होने का न्यौता दिया।
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