राष्ट्र में सुशासन के जनक हैं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अध्ययनशील राजनेता थे, उनका मानना था कि शिक्षा ही किसी भी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की उन्नति के द्वार खोलती है। इसी क्रम में 2004 में उन्होंने राज्य को तीन विश्वविद्यालयों की सौगात देने का कार्य किया।
देश के भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 97वें जयंती पर आज पूरा देश याद कर रहा है। हम छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए श्रद्धेय अटल जी सिर्फ एक वैश्विक राजनेता नहीं बल्कि हमारे अभिभावक व संरक्षक थे। छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिक अटल जी के ह्दय में बसते थे और छत्तीसगढ़ ने भी अपने पितृपुरुष को खूब स्नेह दिया। मध्यप्रदेश से अलग राज्य के निर्माण की सौगात देने से लेकर राज्य में शैक्षणिक व अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास में अटलजी ने हमेशा छत्तीसगढ़ को वरीयता दी। राजनीति में प्रतिबद्धता कितनी महत्वपूर्ण होती है, इसका एक उदाहरण आज भी मुझे स्मरण आता है। 1998 में रायपुर के सप्रे शाला मैदान में एक सभा के दौरान दौरान अटल जी ने कहा कि आप लोग मुझे 11 सांसद दीजिए, मैं आपको सबके उम्मीदों का छत्तीसगढ़ राज्य बनाकर दूंगा। चुनाव परिणाम में भाजपा को 11 में से 10 सांसद चुनकर आए, तब भी तत्कालिन प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने न सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य बनाया बल्कि बतौर प्रधानमंत्री एक राज्य को पल्लवित और पोषित करने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करते रहे।
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श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अध्ययनशील राजनेता थे, उनका मानना था कि शिक्षा ही किसी भी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की उन्नति के द्वार खोलती है। इसी क्रम में 2004 में उन्होंने राज्य को तीन विश्वविद्यालयों की सौगात देने का कार्य किया। प्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर, तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर की स्थापना भारत रत्न श्री अटल जी के कर कमलों से हुई। इन शैक्षणिक संस्थानों के जरिए छत्तीसगढ़ के युवा राष्ट्र निर्माण में आज अपनी महती भूमिका सुनिश्चित कर रहे हैं। श्रध्देय अटल जी अपने वैचारिक असहमतियों के बावजूद विरोधी पक्ष के नेताओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, बावजूद उसके श्रद्धेय अटल जी राज्य को पूरा सहयोग करते रहे। छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में गैर दलीय आधार उन्होंने प्रोत्साहित किया। यही वजह है कि हमारे छत्तीसगढ़ में विरोधी दल के नेताओं के ह्दय में भी अटल जी सुखद स्मृतियों के साथ बसते हैं।
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पूर्व प्रधान मंत्री अटल जी सच्चे अर्थों में आदिवासियों, वंचितों और गरीबों तक सुशासन की बयार ले जाने के समर्थक थे। उन्होंने छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों के निर्माण के जरिए देश को अंत्योदय की एक ऐसी दृष्टि दी, जिसमें सुशासन अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक स्वयं पहुंचता है। हमें गर्व है कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार ने छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। छत्तीसगढ़ में आज नेताओं की जो पीढ़ी सार्वजनिक जीवन में सक्रिय है, उनमें अधिसंख्य राजनीति में अटल जी की प्रेरणा से आए हैं। भारतीय जनता पार्टी के एक अभिन्न घटक होने के नाते हम सभी गौरवान्वित हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज केंद्र की भाजपा सरकार अटल जी के स्वप्न को हर क्षेत्र में साकार करने का कार्य कर रही है। राष्ट्र में सुशासन के जनक श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी कृतित्व को अपनाकर हम सभी छत्तीसगढ़ को विकासवादी राजनीति के मार्ग पर ले जाएंगे, यही उन्हें हमारी सच्ची आदरांजली होगी।
- धरमलाल कौशिक
(लेखक छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं)
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