क्रिमिनोलॉजीः अपराध की पहचान कर बनाएं अपना भविष्य
एक क्रिमिनोलॉजिस्ट का मुख्य काम आपराधिक घटनास्थल से छोटे से छोटे सबूत को जुटाने में जांच दल की मदद करना होता है। वह न सिर्फ इन सबूतों का अध्ययन करते हैं बल्कि अपराध से संबंधित परिस्थितियों का भी विश्लेषण करते हैं।
वर्तमान समय में, भले ही हमारा देश विकास के पथ पर अग्रसर हो, लेकिन विकास की सीढि़यां चढ़ने के साथ−साथ देश में क्राइम भी बढ़ा है। इतना ही नहीं, आज के समय में अपराध का स्वरूप बेहद भयावह और जटिल हो गया है। ऐसे में महज पुलिस द्वारा अपराध की जांच−पड़ताल करना संभव नहीं होता। इस काम में उनकी मदद करते हैं क्रिमिनोलॉजिस्ट। अगर आप भी इस क्षेत्र में रूचि रखते हैं तो बतौर क्रिमिनोलॉजिस्ट अपना भविष्य देख सकते हैं।
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क्या होता है काम
एक क्रिमिनोलॉजिस्ट का मुख्य काम आपराधिक घटनास्थल से छोटे से छोटे सबूत को जुटाने में जांच दल की मदद करना होता है। वह न सिर्फ इन सबूतों का अध्ययन करते हैं बल्कि अपराध से संबंधित परिस्थितियों का भी विश्लेषण करते हैं। साथ ही अपराध होने के पीछे के कारण और समाज पर पड़ रहे उसके प्रभाव को भी समझने का प्रयास करते हैं। चूंकि एक क्रिमिनोलॉजिस्ट सिर्फ अपराध की ही जांच−पड़ताल नहीं करता, बल्कि आपराधिक प्रवृति को भी समझने का प्रयास करता है और उनके प्रयासों के कारण ही समाज में अपराध के स्तर को कम किया जा सकता है।
स्किल्स
अगर आप एक बेहतरीन क्रिमिनोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो आपकी सोच बेहद व्यापक, तार्किक और व्यवहारिक होनी चाहिए। वह इतने दूरदर्शी होते हैं कि घटित अपराध को देखकर भविष्य में होने वाले अपराध की दस्तक को भी पहचान लेते हैं। एक क्रिमिनोलॉजिस्ट का कार्य ऐसा है कि उसे हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना होता है, साथ ही उन्हें अपना काम एक टीम में करना होता है, इसलिए उनके भीतर टीमभावना का होना भी उतना ही आवश्यक है। कई बार एक क्रिमिनोलॉजिस्ट को कई−कई घंटों तक काम करना पड़ता है, इसलिए उनका शारीरिक व मानसिक रूप से इसके लिए तैयार होना बेहद जरूरी है। अपने काम के दौरान वह ऐसे दृश्य देखते हैं, जिनकी कल्पना व्यक्ति स्वप्न में भी नहीं कर सकता, इसलिए अगर आप भावनात्मक रूप से मजबूत नहीं है तो आप इस क्षेत्र में नहीं बने रह सकते। इन सबके अतिरिक्त आपके भीतर हमेशा कुछ नया जानने की जिज्ञासा व कानून व्यवस्था पर आस्था होना भी उतना ही जरूरी है।
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योग्यता
इस क्षेत्र में कॅरियर देख रहे छात्रों के पास 12वीं में आर्ट या साइंस होना अनिवार्य है। इसके बाद आप बीए या बीएससी इन क्रिमिनोलॉजी में दाखिला ले जा सकते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद आप पोस्ट ग्रेजुएट, डिग्री या डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी भी कर सकते हैं।
संभावनाएं
एक क्रिमिनोलॉजिस्ट के पास काम की कोई कंपनी नहीं होती। वह सरकारी व निजी कंपनियों, एनजीओ, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, क्राइम इंटेलिजेंस, प्राइवेट सिक्योरिटी तथा डिटेक्टिव एजेंसियों में काम की तलाश कर सकते हैं। अगर आप किसी एक आर्गेनाइजेशन के साथ काम नहीं करना चाहते तो इस क्षेत्र में फ्रीलांसिंग के ऑप्शन भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं, आप बतौर क्रिमिनोलॉजिस्ट काउंसलर भी अपना करियर देख सकते हैं। तथा फ्रीलांसर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं।
आमदनी
इस क्षेत्र में आमदनी आपके अनुभव के आधार पर बढ़ती है। वैसे शुरूआती दौर में आप दस से बीस हजार रूपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। कुछ समय के बाद आमदनी बढ़ने लगती है। वहीं अगर आप अनुभव प्राप्त करने के पश्चात बतौर फ्रीलासंर काम कर रहे हैं तो आपकी फीस हर केस के अनुसार होगी।
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प्रमुख संस्थान
लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फारेंसिक सांइस।
यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ।
पटना यूनिवर्सिटी, बिहार।
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़।
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई।
- वरूण क्वात्रा
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