एआई का समय आया, सार्वजनिक लेखा परीक्षा में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग शुरू: CAG Murmu

CAG Murmu
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कैग गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) का वक्त आ चुका है और सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थान (एसएआई) सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार के लिए नयी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है। मुर्मू ने पीटीआई-से कहा, ‘‘जैसे-जैसे यह विकसित होगा, हम भी उसी के अनुसार खुद को विकसित करेंगे।

नयी दिल्ली । भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने कहा है कि कृत्रिम मेधा (एआई) का वक्त आ चुका है और सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थान (एसएआई) सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता में सुधार के लिए नयी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है। मुर्मू ने पीटीआई-से कहा, ‘‘जैसे-जैसे यह विकसित होगा, हम भी उसी के अनुसार खुद को विकसित करेंगे। जो भी चुनौतियां होंगी, हम उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे। हम इससे संबंधित वैश्विक अनुभवों और व्यवहार का अनुसरण करेंगे और अपने अनुभवों को उनके साथ साझा करेंगे।’’ 

उन्होंने हाल में कहा, ‘‘हमने लेखा परीक्षा व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए एआई और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि एआई, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स के तेजी से आगे बढ़ने के साथ पारंपरिक पद्धतियों को फिर से परिभाषित किया जा रहा है। इससे नवाचार और दक्षता के लिए अभूतपूर्व अवसर तैयार हुए हैं। मुर्मू ने कहा कि एआई ऑडिट के क्षेत्र में बदलाव के वाहक के रूप में उभरा है। एआई संचालित एल्गोरिदम और पूर्वानुमान विश्लेषण का उपयोग करके सटीक तरीके से बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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