लाल निशान पर बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 310 अंक गिरकर 58,775 पर हुआ बंद
कारोबारियों के अनुसार, वायदा एवं विकल्प खंड में मासिक सौदों के निपटान के अंतिम दिन आईटी और बैंक शेयरों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान लगभग पूरे समय लाभ में रहा।
मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को कारोबार के अंतिम आधे घंटे में तेज बिकवाली से शुरुआती बढ़त जाती रही और बीएसई सेंसेक्स 311 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। कारोबारियों के अनुसार, वायदा एवं विकल्प खंड में मासिक सौदों के निपटान के अंतिम दिन आईटी और बैंक शेयरों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा। डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान लगभग पूरे समय लाभ में रहा। लेकिन अंतिम आधे घंटे में तेज बिकवाली से यह 310.71 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,774.72 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 82.50 अंक यानी 0.47 प्रतिशत टूटकर 17,522.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फाइनेंस में सबसे अधिक 1.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।
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इसके अलावा पावरग्रिड, इन्फोसिस, टाटा कसंल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और लार्सन एंड टुब्रो भी नुकसान में रहे। केवल पांच शेयर मारुति सुजुकी, भारतीय स्टेट बैंक, डॉ. रेड्डीज, कोटक महिंद्रा बैंक तथा टाइटन लाभ में रहे। इनमें 0.46 प्रतिशत तक की तेजी रही। कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव के बीच अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन निवेशकों ने बिकवाली की। निवेशकों में आशंका है कि शुक्रवार को जैक्सन होल संगोष्ठी मेंफेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के चेयरमैन जेरोम पावेल के संबोधन में महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में वृद्धि पर जोर होगा।’’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘जैक्सन होल संगोष्ठी से पहले दुनियाभर के निवेशक यह संभावना जता रहे हैं कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन अपने संबोधन में मौद्रिक नीति परिदृश्य का आकलन कर सकते हैं और यह संकेत दे सकते हैं कि केंद्रीय बैंक का रुख क्या होगा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दाम चढ़े हैं। इसका कारण सऊदी अरब का बयान है जिसमें कहा गया है कि ओपेक (तेल निर्यातक देशों के संगठन)और सहयोगी देश बाजार में अस्थिरता दूर करने के लिये आपूर्ति घटा सकते हैं। हालांकि, उभरते बाजारों की तुलना में घरेलू शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहतर है। एफआईआई की लिवाली से घरेलू बाजार को दिशा मिल रही है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिका में वॉल स्ट्रीट बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुआ। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.17 प्रतिशत चढ़कर 101.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 79.93 (अस्थायी) पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 23.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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