एसएमई आईपीओ नियमों को कड़ा करने की तैयारी कर रहा है सेबी

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भाटिया ने कहा कि प्राथमिक निर्गम वित्त वर्ष के पहले पांच माह में ही दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जबकि पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.97 लाख करोड़ रुपये का था।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने शुक्रवार को कहा कि पूंजी बाजार नियामक एसएमई आईपीओ की निगरानी करने वाले नियमों कोकड़ा करेगा।

यह टिप्पणी सेबी द्वारा निवेशकों को कई लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के भ्रामक कारोबारी अनुमानों के बारे में आगाह करने के कुछ दिन बाद आई है। भाटिया ने यहां वार्षिक जीएफएफ (ग्लोबल फिनटेक फेस्ट) के मौके पर संवाददाताओं को बताया कि इस वर्ष के अंत से पहले इस पहलू पर एक परिचर्चा पत्र लाने की योजना है।

भाटिया ने कहा कि इन बदलावों में बेहतर निगरानी और लेखा परीक्षकों के मोर्चे पर कड़ी जांच शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अपना काम लगन से करें तो समस्याओं से बचा जा सकता है।

भाटिया ने कहा कि प्राथमिक निर्गम वित्त वर्ष के पहले पांच माह में ही दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जबकि पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 1.97 लाख करोड़ रुपये का था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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