Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए इतिहास और महत्व
भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए यह एक अहम दिन है। हिंदी हमारे देश की सांस्कृतिक एकता को दर्शाती है। इस दिन तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए यह एक अहम दिन है। हिंदी हमारे देश की सांस्कृतिक एकता को दर्शाती है। साथ ही हिंदी दिवस का दिन हमारी सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाता है और हमारी नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस कराने का दिन है। इस दिन तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिससे हिंदी भाषा का महत्व अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास के बारे में...
कब मनाया गया है हिंदी दिवस
बता दें कि 14 सितंबर 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया था। इस दिन को मनाने का विचार राजभाषा आयोग ने प्रस्तुत किया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी को प्रसारित करना था।
वहीं भारतीय संविधान ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। फिर साल 14 सितंबर 1953 से हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महत्व
हिंदी भारत की एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। हमारे संविधान में हिंदी को प्रमुख स्थान दिया गया है। वहीं इस भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने की बात कही गई है। हिंदी देश के तमाम हिस्सों में लोगों के बातचीत करने वाली प्रमुख भाषा है। इस दिन को मनाए जाने का महत्व भाषा को बढ़ावा देने में है।
हिंदी दिवस का दिन हम सभी को हिंदी की विरासत की याद दिलाता है। हिंदी साहित्य का देश में बहुत बड़ा योगदान है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक में हिंदी साहित्य ने समाज को दिशा दी है। तुलसीदास, कबीर, महादेवी वर्मा, प्रेमचंद और अन्य लेखकों व कवियों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध करने का काम किया है।
उद्देश्य
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने और इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। साथ ही युवाओं को हिंदी के महत्व और इसके साहित्य से परिचित कराना है। हिंदी के जरिए भारतीय परंपराओं को संस्कृति की रक्षा करना है।
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