केंद्रीय मंत्री Rajeev Chandrasekhar ने बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, तुर्किये के प्रतिनिधिमंडलों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं
केंद्रीय मंत्री ने बांग्लादेश के आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग) राज्यमंत्री जुनैद अहमद पलक से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न विषयों पर बातचीत की। उनके बीच की चर्चा इंडिया स्टैक, साइबर सुरक्षा एवं कौशल में संभावित सहयोग पर केंद्रित रही।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और तुर्किये के मंत्रिस्तरीय एवं वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बैठक के दौरान, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, इंडिया स्टैक, कृत्रिम मेधा (एआई), कौशल और साइबर सुरक्षा जैसे सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की गई। बयान में कहा गया, “केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह की चौथी बैठक में बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और तुर्किए के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।”
केंद्रीय मंत्री ने बांग्लादेश के आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग) राज्यमंत्री जुनैद अहमद पलक से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न विषयों पर बातचीत की। उनके बीच की चर्चा इंडिया स्टैक, साइबर सुरक्षा एवं कौशल में संभावित सहयोग पर केंद्रित रही। चंद्रशेखर ने फ्रांस के डिजिटल कार्य मंत्रालय के राजदूत हेनरी वर्डियर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उनकी बातचीत इस बात पर केंद्रित रही कि एआई जैसी प्रौद्योगिकियां लोगों के जीवन में किस प्रकार से परिवर्तन ला सकती हैं।
तुर्किए के उद्योग एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मेहमत फतह कासिर के साथ अपनी बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रौद्योगिकी का भविष्य कुछ देशों और कंपनियों द्वारा ही नहीं गढ़ा जा सकता है और इसे ज्यादा समावेशी बनाने की जरूरत है। मंत्री ने दक्षिण कोरिया के विज्ञान एवं आईसीटी मंत्रालय के उप मंत्री डॉ जिन-बे होंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच गहरे संबंधों पर चर्चा हुई। चंद्रशेखर ने कहा कि “हमारी साझेदारी का पूरे विश्व पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
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