हीरे की चमक लगातार हो रही फीकी, भारत में लगातार गिर रही है Diamond की कीमत, जानें क्या है कारण
हीरे प्राकृतिक तौर पर उगाए गए हैं उनकी कीमत में भी 25 से 30 प्रतिशत तक नीचे गिर गई है। ऐसे में हीरे की चमक को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है। हीरा व्यापारियों ने बताया है कि बीते दो वर्ष उनके लिए बेहद असुविधाजनक सिद्ध हुए है।
हीरा है सदा के लिए, ये लाइन तो आपने कई बार सुनी होगी। मगर अब ये ही हीरा अपनी चमक लगातार खो रहा है। हीरा बाजार इन दिनों निचले दौर से गुजर रहा है। जुलाई 2022 में 300 डॉलर प्रति कैरेट पर इसका रेट चल रहा था जो उच्चतम था। अब ये 78 डॉलर प्रति कैरेट नीचे गिर गया है, जो इसका न्यूनतम स्तर है। ये आंकड़ा लैब में बनाए गए हीरो का है।
वहीं जो हीरे प्राकृतिक तौर पर उगाए गए हैं उनकी कीमत में भी 25 से 30 प्रतिशत तक नीचे गिर गई है। ऐसे में हीरे की चमक को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है। हीरा व्यापारियों ने बताया है कि बीते दो वर्ष उनके लिए बेहद असुविधाजनक सिद्ध हुए है। बीते दो वर्षों के दौरान हीरे की कीमतों में काफी गिरावट देखने को मिली है।
एक तरफ जहां सोने की कीमतों में इजाफा होता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हीरा अपनी चमक खो रहा है। इस साल फरवरी में भारत से कच्चे हीरे का आयात बढ़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि अब हीरे का उद्योग सुधर सकता है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हीरे की आपूर्ति अधिक हो रही है। प्राकृतिक हीरों की कीमत में गिरावट आ रही है। इस कारण हीरों की चमक कम होती दिख रही है। भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में जो स्थिति है उसके अनुसार इस साल अप्रैल-मई के दौरान रत्न व आभूषण का निर्यात 4,691.6 मिलियन डॉलर दर्ज हुआ है। बीते वर्ष के आंकड़ों के मुकाबले ये 5.9% कम है।
अगर कटे और पॉलिश हीरों की बात करें तो 15.5 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है। अब ये कारोबार 2,627 मिलियन डॉलर रह गया है। लैब में बने हीरों का निर्यात बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष काफी अधिक गिर गया है। ये कारोबार अब 204.2 मिलियन डॉलर पर ही सिमट गया है।
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