PM Modi का उपहार, LPG Cylinders की कीमत में 200 रुपये की कटौती, उज्ज्वला लाभार्थियों को इनता मिलेगा लाभ

LPG Cylinders
ANI
अंकित सिंह । Aug 29 2023 3:55PM

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती का फैसला किया है...रक्षा बंधन के मौके पर देश की महिलाओं को यह पीएम नरेंद्र मोदी का तोहफा है।

केंद्र ने मंगलवार को एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती करके लोगों को बहुत जरूरी राहत देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ऐसे समय में इस फैसले पर पहुंची जब देश ओणम और राखी का त्योहार मना रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती का फैसला किया है...रक्षा बंधन के मौके पर देश की महिलाओं को यह पीएम नरेंद्र मोदी का तोहफा है। 

इसे भी पढ़ें: I.N.D.I.A. गठबंधन को मजबूत करने निकले नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर ने कसा जोरदार तंज

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कटौती प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर भी लागू होगी, जिन्हें पहले 200 रुपये की सब्सिडी मिलती थी। इसका मतलब है कि वे अब कुल 400 रुपये की कीमत में कटौती का लाभ उठा सकते हैं। केंद्र का यह कदम पांच राज्यों - राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में चुनावों से ठीक पहले और अगले साल लोकसभा चुनावों से बमुश्किल नौ महीने पहले आया है। सिलेंडर की आसमान छूती कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। 

इसे भी पढ़ें: 'UP ने अंधकार का लंबा दौर देखा', CM Yogi बोले- बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश

कांग्रेस नियमित रूप से एलपीजी सिलेंडर की कीमत पर 2014 में सत्ता में आने से पहले और बाद में भाजपा से उसके रुख पर सवाल उठाती है। मई 2016 में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने एक प्रमुख योजना के रूप में 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' (पीएमयूवाई) की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, विशेष रूप से एलपीजी तक पहुंच प्रदान करना था। ये परिवार पहले पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला और गोबर के उपलों पर निर्भर रहते थे, जिसका न केवल ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य पर बल्कि पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़