देशव्यापी लॉकडाउन के बीच PM मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार पर चर्चा की
बैठक में प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया और किसानों को वैश्विक कृषि श्रृंखला में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत को रेखांकित किया। इसमें यह तय किया गया कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका को और मजबूत बनाया जाए ताकि कृषि अर्थव्यवस्था में विविधता, कृषि कारोबार में पारदर्शिता और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाया जा सके।
इस बैठक में वर्तमान बाजार व्यवस्था में रणनीतिक हस्तक्षेप और तीव्र कृषि विकास के संदर्भ में उपयुक्त सुधार लाने के बारे में भी विचार विमर्श किया गया। बयान के अनुसार, कृषि आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिये रियायती ऋण प्रवाह, प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभार्थियों के लिये विशेष किसान कार्ड और कृषि उत्पादों के राज्य के भीतर और एक दूसरे राज्य में कारोबार की सुविधा को आगे बढ़ाने के रास्तों पर भी चर्चा की ताकि किसानों को उचित लाभ मिल सके। कृषि क्षेत्र के संदर्भ में शनिवार को हुई चर्चा में ई-नाम प्लेटफार्म के विकास और ई कामर्स को सुगम बनाने सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में चर्चा के दौरान खेती के नये रास्तों को आगे बढ़ाने के समान वैधानिक ढांचे की संभावना के बारे में भी चर्चा की गई जिसके तहत कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिये पूंजी और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर होगा। बयान में कहा गया है कि मॉडल कृषि भूमि पट्टा अधिनियम 2016 और छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर भी इस दौरान विस्तार से चर्चा की गई।Had a meeting to review aspects relating to agriculture reform. Our priority areas are reforms in agriculture marketing, management of marketable surplus, access of farmers to institutional credit and freeing agriculture sector of various restrictions. https://t.co/bSRYn4bWPy
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2020
इसे भी पढ़ें: जीवन बचाना ज्यादा जरूरी, बाद में आता है आजीविका बचाना: सिद्धार्थनाथ सिंह
इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं से जुड़े कानून को वर्तमान समय की जरूरतों के अनुरूप बनाने पर भी चर्चा हुई ताकि उत्पादन उपरांत कृषि आधारभूम ढांचे में बड़े पैमाने पर निजी निवेश को आगे बढ़ाया जा सके। ‘ब्रांड इंडिया’ के विकास, उत्पाद आधारित बोर्ड या परिषदों के सृजन, कृषि क्लस्टरों एवं अनुबंध आधारित कृषि के प्रोत्साहन पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा कृषि आधारित उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के विषय पर भी गहन चर्चा की गई। इसमें कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे किसानों को लाभ होगा और सम्पूर्ण कृषि श्रृंखला के लिये अवसर पैदा होगा। बैठक में प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया और किसानों को वैश्विक कृषि श्रृंखला में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत को रेखांकित किया। इसमें यह तय किया गया कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका को और मजबूत बनाया जाए ताकि कृषि अर्थव्यवस्था में विविधता, कृषि कारोबार में पारदर्शिता और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाया जा सके।
अन्य न्यूज़