विदेशों में गिरावट के बीच अधिकतर तेल-तिलहन के भाव में नरमी

 Oil seeds
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विदेशी बाजारों में कमजोर रुख के बीच शुक्रवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मूंगफली को छोड़कर सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 1.85 प्रतिशत की गिरावट है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज पूर्व-स्तर पर यानी इसमें कोई खास परिवर्तन नहीं है।

नयी दिल्ली, 27 अगस्त।  विदेशी बाजारों में कमजोर रुख के बीच शुक्रवार को दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मूंगफली को छोड़कर सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 1.85 प्रतिशत की गिरावट है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज पूर्व-स्तर पर यानी इसमें कोई खास परिवर्तन नहीं है। विदेशी बाजारों की इस गिरावट की वजह के अलावा स्थानीय मांग कमजोर रहने से खाद्य तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई है। सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजार घट रहा है तो सरकार को खाद्य तेल-तिलहन के खुदरा मूल्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

तेल-तिलहन के भाव में गिरावट के बावजूद खुदरा मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव ना होने से उपभोक्ताओं और किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार को तिलहन उत्पादन बढ़ाने के बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि विदेशी तेल के आयात के लिए विदेशी मुद्रा खर्च करनी होगी। इसके अलावा सरकार को किसानों, तेल उद्योगों और उपभोक्ताओं को इस मंदी से उबारने के लिए कोई उपाय सुझाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि देश में किसानों के पास सोयाबीन के डीऑयल्ड केक (डीओसी) का स्टॉक होने के बावजूद 30 सितंबर तक आयात की छूट के कारण सोयाबीन दानें में गिरावट आई।

सोयाबीन के भाव ज्यादातर डीऑयल्ड केक (डीओसी) पर निर्भर होते हैं क्योंकि सोयाबीन दाना में 82 प्रतिशत डीओसी होता है और 18 प्रतिशत सोयाबीन ऑयल होता है। वहीं सोयाबीन की नयी फसल की आवक का समय करीब आने के कारण भी गिरावट देखने को मिली। सूत्रों ने कहा कि सीपीओ और पामोलिन का आयात सस्ता पड़ने और मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट से इनके भाव गिरे हैं। दूसरी ओर अन्य तेल में गिरावट से सरसों तेल में भी गिरावट दर्ज हुई। सूत्रों ने कहा कि मूंगफली में कारोबार समाप्ति की ओर है और अगले महीने मूंगफली की नई फसल के आने के बाद इसके तेल-तिलहनों के भाव टूटेंगे।

फिलहाल स्टॉक की कमी और मांग होने से मूंगफली तेल-तिलहन का भाव पूर्वस्तर पर बंद हुआ। अगले महीने खरीफ (मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला) की फसल आएगी। शुक्रवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 7,150-7,200 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 7170- 7295 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,750 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,785 - 2,975 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 14,350 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,280-2,370 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,310-2,425 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,000 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 10,950 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,500-5,600 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज 5,400- 5,450 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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