वर्क फ्रॉम होम को दिया जा रहा जोर, आधे कर्मचारियों के साथ काम करने की योजना !

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मैरिको ने अपने कामकाज के तरीके में बदलाव करने के लिए एक बाहरी कंसल्टेंट कम्पनी के साथ काम कर रही है। दरअसल, कम्पनी का कहना है कि उसके कम-से-कम 40 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करें।

नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन की पाबंदियों को सरकार अब धीरे-धीरे कम करने जुटी हुई है और अर्थव्यवस्था के पहिए को रफ्तार देने की योजनाओं पर भी अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी बीच 8 जून दिन सोमवार से अनलॉक फेज-1 की शुरूआत हो गई है। कभी न थकने वाली कम्पनियां अब दौड़ने को तैयार हो चुकी हैं। मगर कम्पनियां अपने आधे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के लिए योजनाएं बनाने में जुटी है।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक मैरिको ने अपने कामकाज के तरीके में बदलाव करने के लिए एक बाहरी कंसल्टेंट कम्पनी के साथ काम कर रही है। दरअसल, कम्पनी का कहना है कि उसके कम-से-कम 40 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करें। विज्ञापन फर्म वंडरमैन थॉम्पसन 50-50 फॉर्मूले पर विचार कर रही है ताकि कम्पनी के आधे कर्मचारी ही दफ्तर आएं। 

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मर्सिडीज तीन दिन ही कर्मचारियों को बुलाएगी दफ्तर !

वहीं, दूसरी तरफ मर्सिडीज बेंज इंडिया ने कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन दफ्तर बुलाने का विचार बनाया है। जबकि दो दिन कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करना पड़ेगा। कोविड-19 महामारी से पहले भी कम्पनी ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सहूलियत दी हुई थी लेकिन पहले कर्मचारियों को महीने में सिर्फ तीन दिन ही वर्क फ्रॉम होम की सुविधा थी।

कम्पनी के एमडी और सीईओ मार्टिन श्वेंक ने कहा कि नई योजना ऑनलाइन और ऑफलाइन के मिश्रण की है और यह बहुत अच्छी तरह काम करता है। इसमें मुझे कोई परेशानी नहीं है।

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दफ्तर में 20 फीसदी कम सीटें

वंडरमैन थॉम्पसन ने पहले ही मुंबई के नए ऑफिस में एक अलग ही कॉन्सेप्ट को अपनाया हुआ था। जहां पर कम्पनी ने लोगों की तुलना में 20 फीसदी कम कर्मचारियों के लिए सीटों की व्यवस्था की। इसके पीछे कम्पनी का यह सोचना था कि 20 फीसदी कर्मचारी किसी दिन भी यात्रा करेंगे या फिर अवकाश पर रहेंगे। ऐसे कम्पनी ने 20 फीसदी कम सीटों का कॉन्सेप्ट रखा।

वंडरमैन थॉम्पसन के साउथ एशिया चेयरमैन और ग्रुप सीईओ तरुण राय ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम का अनुभव काफी अच्छा रहा है। तरुण राय ने कहा कि मैं हमेशा अपने लोगों के आउटपुट पर जोर देता हूं, मैं यह नहीं देखता हूं कि लोगों ने कितने समय दफ्तर में बिताया। इसलिए मुझे इस बात से हैरानी नहीं हुई कि लोगों ने वर्क फ्रॉम होम को बेहतर जिम्मेदारी के साथ निभाया है। इसी के साथ ही उन्होंने 50-50 फॉर्मूल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी 100 फीसदी कार्यबल के साथ वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं तो हम निश्चित ही 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं। 

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उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ। कोरोना के मामले रोजाना रिकॉर्ड संख्या के साथ दर्ज किए जा रहे हैं। देशभर में संक्रमितों की कुल संख्या 2,56,611 पर पहुंच गई और संक्रमण के कारण 7,135 मरीजों की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, वर्तमान में देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,25,381 है, जबकि 1,24,094 मरीज बीमारी से ठीक हो चुके हैं। एक मरीज देश से बाहर जा चुका है।

कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए ही कम्पनियां 50-50 फॉर्मूले पर काम करने की बात कर रही हैं। ताकि अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखा जा सकें और कम्पनियों को भी और नुकसान न सहना पड़े।

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