बिजली, विनिर्माण में सुस्ती से औद्योगिक उत्पादन मार्च में 1.1 प्रतिशत रहा

Industrial production
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राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) मार्च 2023 में 1.1 प्रतिशत बढ़ा। इसका पिछला निचला स्तर अक्टूबर, 2022 में दर्ज किया गया था जब 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर मार्च में घटकर पांच महीनों के निचले स्तर 1.1 प्रतिशत पर आ गई जबकि फरवरी में यह 5.8 प्रतिशत रही थी। बिजली एवं विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से यह गिरावट आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) मार्च 2023 में 1.1 प्रतिशत बढ़ा। इसका पिछला निचला स्तर अक्टूबर, 2022 में दर्ज किया गया था जब 4.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। साल भर पहले मार्च, 2022 में देश के औद्योगिक उत्पादन में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2023 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 0.5 प्रतिशत ही बढ़ा। एक साल पहले की समान अवधि में इसकी दर 1.4 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2022-23 के अंतिम महीने मार्च में बिजली उत्पादन भी घटकर 1.6 प्रतिशत पर आ गया जबकि एक साल पहले की आलोच्य अवधि में इसकी वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही थी। हालांकि इस अवधि में खनन उत्पादन 6.8 प्रतिशत बढ़ा जो मार्च 2022 में 3.9 प्रतिशत रहा था। उपयोग-आधारित वर्गीकरण के मुताबिक, पूंजीगत उत्पाद खंड मार्च में 8.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि साल भर पहले इसकी वृद्धि 2.4 प्रतिशत रही थी।

टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों का उत्पादन मार्च में 8.4 प्रतिशत घट गया जबकि साल भर पहले उसमें 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। गैर-टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों का उत्पादन भी 3.1 प्रतिशत घट गया जबकि मार्च 2022 में इसमें 4.4 प्रतिशत की नरमी आई थी। ढांचागत एवं निर्माण क्षेत्र से जुड़े उत्पादों की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही जबकि साल भर पहले इसमें 6.7 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि प्राथमिक उत्पादों का उत्पादन मार्च में 3.3 प्रतिशत बढ़ा जबकि साल भर पहले इसमें 5.7 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। वहीं मध्यवर्ती उत्पादों का उत्पादन मार्च में एक प्रतिशत बढ़ा जो साल भर पहले 1.8 प्रतिशत रहा था। समूचे वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 11.4 प्रतिशत बढ़ा था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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