भारत का कंप्यूटर बाजार अगले पांच वर्षों में सालाना 5.1% बढ़ेगा: रिपोर्ट
बाजार खुफिया फर्म का मानना है कि भारत 2025 के दौरान लैपटॉप के आयात को सीमित करने वाले नियमों को फिर से लागू कर सकता है, जिसे पहले 2023 में वापस ले लिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, "घरेलू विनिर्माण उद्योग के विस्तार के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों सहित अन्य नीतियों पर विचार किया जा सकता है।
आजकल कंप्यूटर के बिना कोई काम होना काफी मुश्किल हो गया है। अधिकतर कामों के लिए लोग किसी ना किसी तरह से कंप्यूटर का उपयोग करते है। हर फील्ड में हर जॉब में कंप्यूटर का उपयोग होना आम है। इसी बीच एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि भारत में कंप्यूटर बाजार अगले पांच वर्षों में सालाना 5.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। ये रिपोर्ट एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की है।
वित्तीय सूचना एवं विश्लेषण फर्म के अनुसार, अगस्त में समाप्त तिमाही में भारत में लैपटॉप का आयात पिछले वर्ष की तुलना में 10.8 प्रतिशत बढ़ा है, जिसमें एप्पल से जुड़े शिपमेंट का योगदान सबसे अधिक है। यदि भारत में लैपटॉप की असेंबली का विस्तार होता है, तो घटकों का आयात भी बढ़ सकता है, क्योंकि अगस्त 2024 तक 12 महीनों में मुख्य भूमि चीन और हांगकांग में कंप्यूटर घटकों (अर्धचालकों को छोड़कर) का बड़ा आयात होगा। हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, "इससे सरकार को घटक विनिर्माण के साथ-साथ संयोजन को भी पुनः स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना पड़ सकता है।"
"बाजार खुफिया फर्म का मानना है कि भारत 2025 के दौरान लैपटॉप के आयात को सीमित करने वाले नियमों को फिर से लागू कर सकता है, जिसे पहले 2023 में वापस ले लिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है, "घरेलू विनिर्माण उद्योग के विस्तार के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों सहित अन्य नीतियों पर विचार किया जा सकता है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में भारत के विनियामक जोखिम अपने समकक्षों की तुलना में कम हो गए हैं, जिससे वहां पुनर्स्थापन अधिक आकर्षक हो गया है। भारत धीरे-धीरे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, विशेषकर स्मार्टफोन और लैपटॉप का केंद्र बनता जा रहा है।
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