आईटी क्षेत्र में दूसरी तिमाही के दौरान कर्मचारियों के कंपनी बदलने की दर घटी
एचसीएल में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की दर दूसरी तिमाही में, जून तिमाही के समान बनी रही। नोएडा मुख्यालय वाले एचसीएल के मुख्य जन अधिकारी राम सुंदरराजन ने कहा, यह पहले ही स्थिर हो चुकी है, और इस बात के शुरुआती संकेत हैं कि हम एक अच्छी स्थिति में हैं।
वैश्विक मंदी की आशंका गहराने और स्टार्टअप क्षेत्र में छंटनी की खबरों के बीच भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में कर्मचारियों के कंपनी बदलने की दर घटी है। उद्योग पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने सितंबर तिमाही में आपूर्ति पक्ष के दबाव को कम करने की बात कही है। गौरतलब है कि पिछली दो-तीन तिमाहियों के दौरान आईटी उद्योग में कर्मचारियों के बीच तेजी से कंपनी बदलने के रुझान देखे गए थे। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इन्फोसिस के कर्मचारियों द्वारा नौकरी बदलने की दर घटकर 27.1 प्रतिशत रह गई, जो इससे पिछली जून तिमाही में 28.4 प्रतिशत थी।
एचसीएल में कर्मचारियों के नौकरी बदलने की दर दूसरी तिमाही में, जून तिमाही के समान बनी रही। नोएडा मुख्यालय वाले एचसीएल के मुख्य जन अधिकारी राम सुंदरराजन ने कहा, यह पहले ही स्थिर हो चुकी है, और इस बात के शुरुआती संकेत हैं कि हम एक अच्छी स्थिति में हैं। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा कि आईटी सेवाओं में पिछले 12 महीनों में उसके कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर 21.5 प्रतिशत तक बढ़ गई है, लेकिन आने वाले महीनों में इसमें स्थिरता आने की उम्मीद है।
कंपनी ने तिमाही आय के संबंध में आयोजित बातचीत में कहा कि प्रौद्योगिकी रोजगार बाजार में पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान तेजी थी और अब इसमें नरमी आने लगी है। नए कर्मचारी भी वेतन के लिहाज से यथार्थवादी नजरिया अपना रहे हैं। इस तरह भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के आंकड़े बताते हैं कि आपूर्ति पक्ष के दबाव कम होने के लिए तैयार हैं। इन्फोसिस ने भी कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने के संबंध में राहत की सूचना दी है। कंपनी के सीईओ सलिल पारेख ने हाल में कहा, सालाना तिमाही आधार पर अब तीन तिमाहियों के लिए कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने की दर कम रही है, जिसमें अब दूसरी तिमाही भी शामिल है। हमारा अनुमान है कि इस दर में और कमी होगी।
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