ICAI ने 2018-19 के लिये सालाना GST रिटर्न जमा करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की
चार्टर्ड एकाउंटेंट निकाय भारतीय सनदी लेखकार संस्थान (आईसीएआई) ने जीएसटी परिषद को पत्र लिखकर वित्त वर्ष 2018-19 के लिये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सालाना रिटर्न भरने की समसीमा तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर करने का आग्रह किया है।
नयी दिल्ली। चार्टर्ड एकाउंटेंट निकाय भारतीय सनदी लेखकार संस्थान (आईसीएआई) ने जीएसटी परिषद को पत्र लिखकर वित्त वर्ष 2018-19 के लिये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सालाना रिटर्न भरने की समसीमा तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर करने का आग्रह किया है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिये सालाना जीएसटी रिटर्न भरने की समयसीमा 30 सितंबर है। आईसीएआई ने जीएसटी परिषद के समक्ष रखी अपनी बातों में कहा कि ज्यादातर अधिकारी कोविड-19 महामारी के कारण आंशिक रूप से काम कर रहे हैं।
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संस्थान ने कहा, ‘‘हम पंजीकृत लोगों को राहत उपलब्ध कराने और 2018-19 के लिये जीएसटी सालाना रिटर्न और जीएसटी ऑडिट का काम तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंर 2020 करने का आग्रह करते हैं। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए इससे क्षेत्र को जरूरी राहत मिलेगी।’’ सरकार ने मई में वित्त वर्ष 2018-19 के लिये सालाना जीएसटी रिटर्न फाइल करने की तिथि तीन महीने बढ़ाकर सितंबर 2020 तक कर दी थी।
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ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि कोविड-19 ने न केवल लाोगों के जीवन को प्रभावित किया है बल्कि कई क्षेत्रों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। जैन ने कहा, ‘‘मौजूदा हालात में उद्योगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें परिचालन को बनाये रखने के साथ विभिन्न नियमों के अनुपालन पर भी ध्यान देना है। आईसीएअई ने जीएसटी सालाना रिपोर्ट और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के लिये तीन महीने का जो समय मांगा है, उद्योग इसकी सराहना करता है।
सरकार अगर इस अनुरोध को मानती है तो इससे उद्योग को जरूरी राहत मिलेगी।’’ जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को सालाना रिटर्न के रूप में जीएसटीआर-9 भरना होता है। इसमें विभिन्न कर मदों में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री का पूरा ब्योरा होता है। जीएसटीआर- 9सी, जीएसटीआर-9 और ऑडिट किये गये सालाना वित्तीय लेखा-जोखा के मिलान का ब्योरा होता है।
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