Karnataka समेत चार राज्यों ने केंद्र से ओएमएसएस के तहत अनाज देने की मांग रखी

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विपक्षी दलों के शासन वाले इन चारों राज्यों ने यह मांग राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित राज्यों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में की है। केंद्र ने मुद्रास्फीति के दबाव और मानसून को लेकर पैदा हुई चिंताओं के बीच 13 जून को ओएमएसएस के तहत राज्य सरकारों को सुरक्षित भंडार से चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी।

नयी दिल्ली। कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और राजस्थान ने अपनी राज्य कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आरक्षित भंडार से खाद्यान्न उपलब्ध कराने की मांग की है। कर्नाटक के खाद्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने बुधवार को यह जानकारी दी। विपक्षी दलों के शासन वाले इन चारों राज्यों ने यह मांग राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित राज्यों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में की है। केंद्र ने मुद्रास्फीति के दबाव और मानसून को लेकर पैदा हुई चिंताओं के बीच 13 जून को ओएमएसएस के तहत राज्य सरकारों को सुरक्षित भंडार से चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी थी।

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मुनियप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पात्रता के अलावा पांच किलोग्राम अतिरिक्त चावल उपलब्ध कराने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। मुनियप्पा ने कहा कि यह मांग न केवल कर्नाटक सरकार बल्कि तमिलनाडु, राजस्थान और झारखंड की सरकारों ने भी उठाई है। इस सम्मेलन में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लगभग 17 खाद्य मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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