लॉकडाउन अवधि बढ़ने से अर्थव्यवस्था को लगा झटका, होगा इतने अरब डॉलर का नुकसान
बार्कलेज ने एक टिप्पणी में कहा कि आर्थिक वृद्धि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए शून्य होगी और वित्त वर्ष के नजरिए से देखा जाए तो 2020-21 में इसमें 0.8 फीसदी वृद्धि ही होगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया, जो अब तीन मई तक लागू होगा।
मुंबई। ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने से 234.4 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा और इसके चलते कैलेंडर वर्ष 2020 में जीडीपी बिना किसी घटबढ के स्थिर रह सकती है। बार्कलेज ने एक टिप्पणी में कहा कि आर्थिक वृद्धि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए शून्य होगी और वित्त वर्ष के नजरिए से देखा जाए तो 2020-21 में इसमें 0.8 फीसदी वृद्धि ही होगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया, जो अब तीन मई तक लागू होगा।उन्होंने संक्रमण से अप्रभावित रहने वाले क्षेत्रों को 20 अप्रैल से कुछ राहत देने का संकेत दिया, लेकिन कहा कि यह छूट सख्त निगरानी पर आधारित होगी। ब्रोकरेज फर्म ने पहले कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन में 120 अरब अमरीकी डालर का अर्थिक नुकसान होने की आशंका है, जिसके अब बढ़कर 234.4 अरब अमरीकी डालर तक का होने का अनुमान है।
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इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि भारत कैलेंडर वर्ष 2020 में ढाई प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जिसे अब घटाकर शून्य कर दिया गया है। दूसरी ओर वित्त वर्ष 2020-21 में पहले 3.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब घटाकर 0.8 प्रतिशत कर दिया गया है। टिप्पणी में कहा गया है कि विशेष रूप से खनन, कृषि, विनिर्माण और उपयोगिता क्षेत्रों पर अनुमान से अधिक नकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
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