China के पास है AI और EV, हमारे पास फूड एप है- Startup को लेकर बोले पीयूष गोयल

piyush goyal
प्रतिरूप फोटो

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप "फूड डिलीवरी ऐप, फैंसी आइसक्रीम और कुकीज, इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप और रील्स और इन्फ्लूएंसर इकोनॉमी" बनाने में व्यस्त हैं। दूसरी ओर, चीन में स्टार्टअप "ईवी और बैटरी तकनीक, सेमीकंडक्टर और एआई, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, ग्लोबल लॉजिस्टिक्स और व्यापार और डीप टेक और इंफ्रास्ट्रक्चर" पर काम कर रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में जारी दूसरे स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को लेकर बयान दिया है। उन्होंने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तुलना चीनी समकक्षों से की है। उन्होंने इस तुलना के जरिए वास्तविकता का परिचय दिया है। चीनी स्टार्टअप इकोसिस्टम को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हम फूड एप और क्विक कॉमर्स डिलीवरी ऐप बना रहे हैं। सस्ते श्रम का सृजन कर रहे हैं ताकि अमीर लोग घर से बाहर निकले बिना भोजन कर सकें, जबकि चीनी ईवी, एआई और सेमीकंडक्टर पर काम कर रहे हैं।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप "फूड डिलीवरी ऐप, फैंसी आइसक्रीम और कुकीज, इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप और रील्स और इन्फ्लूएंसर इकोनॉमी" बनाने में व्यस्त हैं। दूसरी ओर, चीन में स्टार्टअप "ईवी और बैटरी तकनीक, सेमीकंडक्टर और एआई, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, ग्लोबल लॉजिस्टिक्स और व्यापार और डीप टेक और इंफ्रास्ट्रक्चर" पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को विदेशी संस्थाओं द्वारा हिस्सेदारी खरीदने के बजाय अधिक घरेलू पूंजी की आवश्यकता है। इसके लिए, यूनिकॉर्न और उद्योग एक फंड बना सकते हैं। "अपना स्वामित्व बढ़ाएं और बनाए रखें। मुझे दुख होता है जब मुझे पता चलता है कि 25 लाख रुपये या 50 लाख रुपये में एक युवा स्टार्ट-अप का शानदार विचार किसी विदेशी कंपनी को बेच दिया गया। आइए कोशिश करें और इस इकोसिस्टम में कुछ और घरेलू पूंजी लाएं," उन्होंने कहा।

गोयल ने कहा, "भारत में हर साल सबसे ज्यादा संख्या में STEM स्नातक निकलते हैं। क्या आपको गर्व है कि हम डिलीवरी बॉय और गर्ल्स तैयार कर रहे हैं? हमें भविष्य के लिए काम करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान' (जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री वाजपेयी ने लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे में जोड़ा था) के नारे में 'जय अनुसंधान' को जोड़ दिया है। हमें इस पर और अधिक आक्रामक तरीके से काम करने की जरूरत है।" यहां विकसित किए जा रहे सट्टेबाजी ऐप्स की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ये "वास्तविक आर्थिक उत्पादकता के बजाय जुआ और लत को बढ़ावा देते हैं", उन्होंने कहा कि "चीनी लोग शीन, डीजेआई और अलीबाबा जैसी आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी कंपनियों का निर्माण कर रहे हैं जो वैश्विक वाणिज्य को निर्देशित करती हैं।"

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