BSNL और MTNL पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कर्मचारियों को दिया जायेगा VRS
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल या एमटीएनएल को न तो बंद किया जा रहा है और न ही उनका विनिवेश किया जा रहा है। मुझे भरोसा है कि इन सभी उपायों से अगले दो साल में बीएसएनएल परिचालन स्तर पर लाभ में आ जायेगी।
नयी दिल्ली। सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसमें एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय , संपत्तियों की बिक्री या पट्टे पर देना, कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के विलय को मंजूरी दे दी है। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की अनुषंगी के रूप में काम करती रहेगी।
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A
— ANI (@ANI) October 23, 2019
पुनरुद्धार पैकेज में कंपनियों द्वारा 15,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के लिए सरकार की गारंटी , 4 जी स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए 20,140 करोड़ रुपये की पूंजी डालना , कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति देनदारी सहित वीआरएस के लिए 29,928 करोड़ रुपये और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपये की राशि दिया जाना शामिल है। सरकारी गारंटी वाले बांड जारी करने से प्राप्त राशि का उपयोग ऋण पुनर्गठन और अन्य खर्चों को पूरा करने में किया जाएगा। मुख्य रूप से बीएसएनएल की देनदारी होगी क्योंकि एमटीएनएल अब उसकी अनुषंगी बनकर परिचालन करेगी।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल या एमटीएनएल को न तो बंद किया जा रहा है और न ही उनका विनिवेश किया जा रहा है। मुझे भरोसा है कि इन सभी उपायों से अगले दो साल में बीएसएनएल परिचालन स्तर पर लाभ में आ जायेगी। प्रसाद ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के मामले में सरकार का रुख स्पष्ट है। ये भारत की सामरिक संपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि वीआरएस पैकेज के तहत पात्र कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक कंपनी की सेवा करके अर्जित होने वाली आय का 125 प्रतिशत मिलेगा।
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इस फैसले के साथ हमने इन सार्वजनिक कंपनियों के लाखों कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा है। बीएसएनएल में करीब 1.68 लाख कर्मचारी हैं जबकि एमटीएनएल के करीब 22,000 कर्मचारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वीआरएस पूरी तरह से स्वैच्छिक है ; कोई भी इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है , जिसमें से आधा कर्ज एमटीएनएल का है , जो सिर्फ दिल्ली और मुंबई में परिचालन करती है। दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लंबे समय से स्पेक्ट्रम की मांग कर रही थी ताकि 4 जी सेवा शुरू की जा सके। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि दोनों कंपनियों को एक महीने के अंदर प्रशासनिक स्तर पर स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाएगा।
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प्रकाश ने कहा कि बीएसएनएल को इक्विटी शेयर के बदले 14,115 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम आवंटन होगा और एमटीएनएल को तरजीही शेयरों के एवज में 6,295 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम दिया जाएगा। सरकार तीन साल की अवधि में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण करते हुये उसकी बिक्री करेगी या फिर पट्टे पर देगी। उन्होंने कहा कि परिसंपत्ति में मुख्य रूप से जमीन शामिल हैं। अकेले दिल्ली में एमटीएनएल के पास करीब 29 खुदरा केंद्र हैं। " सचिव ने कहा कि बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से 4 जी सेवा शुरू करने के लिए करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी जबकि एमटीएनएल को करीब 1,100 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
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सरकार ने वीआरएस पैकेज में अनुग्रह राशि के तौर पर 17,160 करोड़ रुपये और अग्रिम पेंशन लाभ के तौर पर 12,768 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। प्रकाश ने कहा , "53.5 साल की उम्र से ऊपर के कमर्चारियों को उनकी सेवा की शेष अवधि में अर्जित वेतन का 125 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा जबकि कंपनी के 50 से 53.5 वर्ष की आयु वर्ग के कर्मचारी यदि वीआरएस अपनाते हैं तो उन्हें अपनी बची सेवा मे मिलने वाली प्राप्ति का 80 से 100 प्रतिशत के दायरे में लाभ मिलेगा। सरकार ने दोनों दूरसंचार कंपनियों के कर्मचारियों के लिये वीआरएस अपनाने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2020 तय की है। बीएसएनएल के इंजीनियरिंग और लेखा पेशेवरों की संस्था आल इंडिया ग्रेजुएट इंजीनियर टेलिकॉम आफीसर एसोसियेसन (एआईजीईटीओए) ने सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की प्रशंसा की है।
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