Air India की 17 मार्च तक लगेगी बोली, जानें सरकार का क्या है नया प्लान
एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार एक नया प्लान लेकर आई है। इस प्लान के मुताबिक सरकार एयर इंडिया में 100 फीसदी विनिवेश करेगी। इसकी बोलियां 17 मार्च तक लगाई जाएगी। बता दें कि भारत सरकार ने एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई है।
नयी दिल्ली। कर्ज के बोझ से लदी एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा सरकार ने सोमवार को जारी कर दी। इस संबंध में सरकार ने 17 मार्च तक आरंभिक बोलियां के रुचि पत्र मंगाए हैं। सोमवार को जारी निविदा दस्तावेज के अनुसार, एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एअर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
Government of India (GOI) has given ‘in-principle’ approval for Strategic disinvestment of Air India (AI) by way of the transfer of management control&sale of 100% equity share capital of AI held by GOI which will include AI’s shareholding interest of 100% in AIXL &50% in AISATS. pic.twitter.com/246VZf6tVb
— ANI (@ANI) January 27, 2020
इसके अलावा एअर इंडिया के सिंगापुर एयरलाइंस (सैट्स) के साथ संयुक्त उपक्रम ‘एअर इंडिया-सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड’ (एआईसैट्स) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी। एआईसैट्स हवाईअड्डों पर विमानों के खड़े होने और रखरखाव इत्यादि की सेवाएं देती है। एअर इंडिया का प्रबंधन भी सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
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दो साल से भी कम अवधि में एअर इंडिया को बेचने की यह सरकार की दूसरी कोशिश है। पिछली बार सरकार का यह प्रयास असफल रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी। सरकार ने 17 मार्च तक एअर इंडिया खरीदने के इच्छुक पक्षों से रुचि पत्र मांगे हैं।
एअर इंडिया की एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस, एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस, एयरलाइन एलाइड सर्विसेस और भारतीय होटल निगम में भी हिस्सेदारी है। इन सभी को एक अलग कंपनी एअर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित कर दिया जाएगा और यह एअर इंडिया की प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री के सौदे का हिस्सा नहीं होंगी। निविदा दस्तावेजों के अनुसार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस पर बंद होते समय 23,286.50 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया रह जाएगा। एअर इंडिया पर बाकी का कर्ज एआईएएचएल को हस्तांरित कर दिया जाएगा। एअर इंडिया की इस विनिवेश प्रक्रिया के लिए परामर्शक की भूमिका ईवाई करेगी।
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