कंगना के खिलाफ राजद्रोह: उच्च न्यायालय ने बांद्रा की अदालत से दस्तावेज मांगे
रनौत और चंदेल के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अदालत से कहा कि मामले में शिकायतकर्ता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष सौंपे गए दस्तावेज और उच्च न्यायालय को दिए गए दस्तावेज एक जैसे नहीं हैं जिसके बाद न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की खंडपीठ ने दस्तावेजों की मांग की।
इसे भी पढ़ें: कंगना के खिलाफ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, अभिनेत्री बोली नेता बनाकर ही रहेंगे
सिद्दीकी ने अदालत से कहा कि मजिस्ट्रेट को ‘‘जल्दबाजी’’ में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए थे और इसमें ‘‘दिमाग नहीं लगाया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष इस तरह की शिकायत दर्ज करने से पहले कानून में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’’ सिद्दीकी ने कहा कि कानून के मुताबिक, किसी शिकायत को पहले संबंधित थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के पास भेजा जाता है। अगर दो हफ्ते के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है तो एक पत्र क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त के पास भेजा जाता है और फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।’’
इसे भी पढ़ें: कंगना रनौत को कांग्रेस विधायक ने कहा नाचने गाने वाली, दिग्विजय बोले-कौन हैं कंगना ?
पीठ ने कहा कि वह जांच के लिए दस्तावेजों को मजिस्ट्रेट की अदालत से मंगाएगी। अदालत ने निर्देश दिया, ‘‘इसलिए इस मामले में हम बांद्रा के मजिस्ट्रेट की अदालत से संबंधित दस्तावेज मंगवाना उपयुक्त समझते हैं।’’ इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 मार्च तय कर दी।
अन्य न्यूज़