Nitin Desai की मौत के मामले में कर्जदाताओं की भूमिका की जांच होगी, Devendra Fadnavis का बयान
मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई के मृत पाए जाने के एक दिन बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्ज देने वाली एक निजी कंपनी की भूमिका की जांच की जाएगी, जिससे देसाई ने ऋण लिया था।
मुंबई। जाने-माने फिल्म कला निर्देशक नितिन देसाई का शव बुधवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में उनके स्टूडियो में लटका मिला। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है और इसकी सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। रिपोर्ट ऐसी भी आ रही है कि वह पिछले काफी समय से आर्थिक तंगीका सामना कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक नितिन देसाई ने एक फाइनेंस कंपनी से 180 करोड़ रुपये का लोन लिया था। उन्होंने अपनी जमीन और अन्य संपत्ति भी गिरवी रख दी थी। कला-निर्देशक ऋण चुकाने में असमर्थ थे और भारी कर्ज में डूबे हुए थे। पिछले सितंबर में उक्त कंपनी ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा था और देसाई द्वारा उनसे लिए गए पैसे की वसूली करने का प्रस्ताव दिया था।
मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई के मृत पाए जाने के एक दिन बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्ज देने वाली एक निजी कंपनी की भूमिका की जांच की जाएगी, जिससे देसाई ने ऋण लिया था। उन्होंने कहा कि जांच में पता लगाया जाएगा कि क्या कंपनी अधिक ब्याज वसूलती थी और क्या देसाई तनाव में थे। गृह विभाग का कार्यभार संभाल रहे फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मुंबई के पास कर्जत में देसाई के एन डी स्टूडियो को कैसे संरक्षित किया जा सकता है या सरकार द्वारा अपने नियंत्रण में लिया जा सकता है, इस संबंध में कानूनी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
‘जोधा अकबर’, ‘लगान’ जैसी फिल्मों और मशहूर टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले जाने माने कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाए गए। देसाई की कंपनी एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 और 2018 में ईसीएल फाइनेंस से दो ऋणों के माध्यम से 185 करोड़ रुपये उधार लिए थे और पुनर्भुगतान को लेकर परेशानी जनवरी 2020 से शुरू हुई। पिछले हफ्ते एक दिवाला अदालत में दायर दिवाला से संबंधित याचिका के अनुसार, एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने अपने वित्तीय कर्जदाता को 252 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाया था।
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ईसीएल फाइनेंस एक अग्रणी एनबीएफसी है, जो एडलवाइस ग्रुप द्वारा प्रवर्तित है। फडणवीस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आशीष शेलार की उस मांग का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को सिर्फ दुर्घटनावश मौत का मामला नहीं माना जाना चाहिए। व्यवस्थागत प्रश्न के तहत शेलार ने मांग की कि देसाई की मृत्यु को केवल आकस्मिक मृत्यु के मामले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि बड़े परिप्रेक्ष्य से इसका निपटारा किया जाना चाहिए।
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भाजपा विधायक ने कहा कि देसाई ने अपनी प्रतिभा और उपलब्धियों से कला निर्देशन के क्षेत्र में अपना नाम बनाया। शेलार ने आरोप लगाया, ‘‘यह दुखद है कि चार राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित देसाई को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने एन डी स्टूडियो के लिए 180 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो बढ़कर 252 करोड़ रुपये हो गया। यह राशेश शाह और एडलवाइस एआरसी कंपनी द्वारा ऋण प्रदान करने की कार्यप्रणाली को दिखाता है।’’ शेलार ने कहा कि इसलिए, इस मामले की जांच केवल आकस्मिक मौत के रूप में नहीं की जानी चाहिए, बल्कि लगाए गए ब्याज दर, इस कंपनी द्वारा लागू की गई वसूली प्रक्रिया और ऐसे कई मुद्दों पर गौर करने के लिए एक विशेष टीम गठित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘तभी नितिन चंद्रकांत देसाई को न्याय मिलेगा।’’
भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि उनके पास इस ‘‘आधुनिक साहूकार’’ के खिलाफ दो और मामलों की जानकारी है और इसके बारे में जानकारी गृह मंत्री को सौंपी जाएगी। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि सरकार को देसाई के स्टूडियो को नीलाम करने की अनुमति देने के बजाय उसे अपने नियंत्रण में ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह नितिन देसाई को श्रद्धांजलि होगी।’’ देसाई को मराठी लोगों का गौरव बताते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘फिल्मों के अलावा, उन्होंने राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए थीम, दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य की झांकियां भी तैयार कीं और वाराणसी में घाटों के सौंदर्यीकरण में भी योगदान दिया।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देसाई की मौत की जांच में कर्जदाताओं की भूमिका की जांच की जाएगी और देखा जाएगा कि क्या वह मानसिक तनाव में थे और उन पर दबाव डाला जा रहा था।
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