एक ही तो दिल है सोनू सूद कितनी बार जीतोगे! चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित 28000 लोगों की मदद की

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रेनू तिवारी । Jun 4 2020 6:12PM

अभिनेता सोनू सूद ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने तटीय इलाकों के नजदीक रहने वाले चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित 28,000 लोगों को रहने की जगह और खोने-पीने का सामान मुहैया कराया। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को भी घर पहुंचाने का इंतजाम अभिनेता कर रहे हैं।

मुंबई। इस समय बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की चारों तरफ से काफी तारीफ हो रही हैं। सोनू सूद वो इंसान हैं जिन्होंने बिना किसी की शिकायत किए बस इंसानियत का धर्म निभाया। आपने अकसर देखा होगा कि सड़क पर कोई केले का छिल्का फेंक देता हैं तो बहुत से लोग सफाई का ज्ञान देने के लिए आ जाते हैं लेकिन छिलके को हटाता कोई नहीं। सब सफाई वाले के आने का इंतजार करते हैं।बहुत ही कम लोग होते हैं जो चुपचाप आकर बिना किसी को ज्ञान दिए छिल्का हटा कर फिर से जगह को साफ कर देते हैं। कुछ ऐसा ही सोनू सूद ने किया। एक तरफ राजनीति चमकाने के लिए प्रवासी मजदूरों के पलायन पर बड़ी लंबी-लंबी चैनलों पर बहस हो रही थी। लोग सोशल मीडिया पर उनके दर्द की बातें कर रहे थे। कहानी-कविता लिख रहे थे लेकिन मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहा था।

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ऐसे में सोनू सूद ने अपने दम पर लॉकडाउन में परमिशन के साथ बसों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा। गरीबों के लिए खाने का इंतजाम किया। लोंगो को राशन भिजवाया। प्रवासी मजदूरों की मदद के बाद उन्होंने केरल में फंसी 177 लड़कियों को एयरलिफ्ट किया। सोनू सूद लॉकडाउन और कोरोना वायरस से प्रभावित हर जरूरत मंद की मदद कर रहे हैं।  इनके इस कदम से चोरों और से सोनू सूद की तारीफ की जा रही हैं। लोगों की मदद कर रहे सोनू सूद ने एक और मिसाल दी हैं। 

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अभिनेता सोनू सूद ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने तटीय इलाकों के नजदीक रहने वाले चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित 28,000 लोगों को रहने की जगह और खोने-पीने का सामान मुहैया कराया। कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को भी घर पहुंचाने का इंतजाम अभिनेता कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चक्रवात से प्रभावित लोगों को नगर निगम स्कूल और कॉलेजों में ठहराया गया है। सूद ने एक बयान में कहा, ‘‘ आज, हम सब कठिन समय का सामना कर रहे हैं और इससे निपटने का सबसे सही तरीका एक-दूसरे का साथ देना ही है। मेरी टीम और मैंने मुम्बई के तटीय इलाकों में रहने वाले 28,000 से अधिक लोगों को खाना बांटा और उन्हें विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में ठहराया। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वह सुरक्षित रहें।’’ अ

भिनेता ने चक्रवात ‘निसर्ग’ के कारण मुम्बई में फंसे असम के 200 से अधिक प्रवासियों की मदद भी की। विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रवासियों के सूद से ट्विटर पर सम्पर्क करने के बाद उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया। चक्रवात ‘निसर्ग’ मुम्बई के करीब अलीबाग तक पहुंचा लेकिन इसने महानगर को प्रभावित नहीं किया और अब यह महाराष्ट्र में पश्चिमी विदर्भ में दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और फिर कमजोर पड़ जायेगा।

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