Mahakumbh 2025: नागा साधु बनने के लिए देनी पड़ती है ऐसी कठिन परीक्षा, खुद का करते हैं पिंडदान
क्या आप जानते हैं कि कोई व्यक्ति नागा साधु कैसे बन सकता है और उसको नागा साधु बनने के लिए किन नियमों का पालन करना होता है। अगर आपका जवाब नहीं है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
इस तरह बनते हैं नागा साधु
बता दें कि जब कोई व्यक्ति अखाड़े के सामने नागा साधु बनने की इच्छा जाहिर करता है, तो अखाड़ा समिति उस व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त करता है कि क्या वह व्यक्ति नागा साधु बनने के योग्य है या नहीं। उस व्यक्ति के जीवन से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करने के बाद उसको अखाड़ा समिति में शामिल किया जाता है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, नागा साधु बनने के लिए जातक को कई तरह की कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। नागा साधु बनने के लिए ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करना पड़ता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद उस व्यक्ति को पंच देव से दीक्षा प्राप्त करनी होती है। शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और गणेश भगवान को पंच देव कहा जाता है।
नागा साधु बनने वाला व्यक्ति सांसारिक जीवन का त्याग कर देता है और नागा साधु वाले जीवन में प्रवेश करने के लिए खुद का पिंडदान भी करना पड़ता है। वहीं जो भोजन भिक्षा में मिलता है, उसी का सेवन करना पड़ता है। वहीं अगर किसी दिन नागा साधु को भिक्षा नहीं मिलती है, तो उसे बिना भोजन के रहना पड़ता है।
व्यक्ति को नागा साधु बनने के बाद जीवन में कभी भी कपड़े नहीं धारण करने होते हैं। क्योंकि वस्त्र आडंबर और सांसारिक जीवन का प्रतीक माना जाता रहै। इसी वजह से नागा साधु अपने शरीर को ढकने के लिए भस्म लगाते हैं।
वहीं नागा साधु कभी भी किसी के सामने अपना सिर नहीं झुकाते और न किसी की निंदा करते हैं। यह सिर्फ बड़े सन्यासियों के सामने अपना सिर झुकाते हैं। इन सभी नियमों का पालन करने के बाद ही व्यक्ति नागा साधु कहलाता है।
शाही स्नान की तिथियां
13 जनवरी 2025 - पहला शाही स्नान
14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
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