Hindu Temple: इन 5 मंदिरों की भव्यता देख रह जाएंगे हैरान, खूबसूरती देख आप भी कहेंगे वाह

Hindu Temple
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हमारे देश भारत को हमेशा के अपनी प्राचीन धरोहर के लिए जाना जाता है। बता दें कि आने वाले समय में देश को ऐसे कई नए और भव्य मंदिर मिलने जा रहे हैं। जो भारत देश की सभ्यता को और ज्यादा समृद्ध करने का काम करेंगे।

हमारे देश भारत को हमेशा के अपनी प्राचीन धरोहर के लिए जाना जाता है। बता दें कि आने वाले समय में देश को ऐसे कई नए और भव्य मंदिर मिलने जा रहे हैं। जो भारत देश की सभ्यता को और ज्यादा समृद्ध करने का काम करेंगे। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए देश को मिलने वाले 5 नए और भव्य मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आने वाले समय में हमारे देश की एक अलग पहचान बनाएंगे। आइए जानते हैं इन मंदिरों और इनकी खासियत के बारे में...

राम मंदिर, अयोध्या

हिंदू धर्म ग्रंथ में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या के बारे में उल्लेख मिलता है। अयोध्यापति श्रीराम भगवान श्रीहरि विष्ण के अवतार माने जाते हैं और श्रीराम व्यापक रूप से पूजे जाने वाले हिन्दू राजा हैं। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में उनका एक भव्य मंदिर बना हुआ था। जिसे बाद में तोड़ दिया गया था। अब श्रीराम की जन्मभूमि पर फिर से भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन समारोह के बाद इसका सिविल निर्माण शुरू हो गया था। वहीं दिसंबर 2023 में भगवान राम के मंदिर के एक खंड का उद्घाटन कर उसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। वहीं भक्त भी इस मंदिर के खुलने का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।  

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चंद्रोदय मंदिर, वृंदावन

वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे लम्बा मंदिर होगा। बता दें कि इस मंदिर की कुल लागत 300 करोड़ रुपए के आसपास है। इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा चंद्रोदय मंदिर सबसे महंगा मंदिर होगा। वर्ष भर में आने वाले विभिन्न तरह के धार्मिक पर्वों और त्योहारों को इस मंदिर में मनाया जाएगा। वहीं आने वाले समय में यह मंदिर हिंदूओं के लिए बड़ा धार्मिक स्थान होने वाला है। इस मंदिर के निर्माण के बार विश्वभर में वृंदावन अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।

ओम आश्रम मंदिर, राजस्थान

हिंदू धर्म में सृष्टि के रचयिता त्रिदेव यानी की ब्रह्मा, विष्णु, महेश को 'ॐ' का प्रतीक माना जाता है। धरती पर पहली बार ओम का निराकार स्वरूप राजस्थान में साकार हुआ है। ओम आकृति वाला भगवान शिव का मंदिर करीब-करीब बनकर तैयार हो चुका है। इस मंदिर का निर्माण कार्य करीब 25 सालों से चल रहा है। यह मंदिर 250 एकड़ में फैला हुआ है। इसका एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है। वहीं इस मंदिर के अन्य तीन खंड जमीन के ऊपर बने हुए हैं। मंदिर के बीचोबीच में माधवानंद की समाधि बनी है। समाधि के चारों तरफ भूगर्भ में सप्त ऋषियों की मूर्तियां स्थापित हैं।

महाकाल लोक

पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित श्री महाकाल लोक किया जा रहा है। यहां पर भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और चित्र बनाए गए हैं। इस पर हर एक भित्ति चित्र की कथा श्रद्धालु स्कैन कर सुन सकेंगे। महाकाल लोक में सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, 108 स्तंभों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव और भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाकर तैयार किया गया है।

भगवान श्रीराम की बारात

बिहार के पूर्वी चंपारण के चकिया- केसरिया नगर में विराट रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है। बता दें कि इस मंदिर को अंकोरवाट की दोगुनी ऊंचाई और आकार के बनाए जाने की योजना है। यह श्रीराम को समर्पित दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इस मंदिर में 18 देवताओं के मंदिर होंगे और इस मंदिर के मुख्य आराध्य भगवान राम होंगे। मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में भगवान श्रीराम की बारात रुकी थी।

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